यूपी पंचायत चुनाव की तैयारी में पुलिस जोरशोर से जुटी है। इस बीच महराजगंज में पुलिस मॉक ड्रिल के दौरान कई दारोगा पिस्‍तौल में गोली नहीं भर पाए। एसपी के सामने गोली भरने में फेल हुए इन पुलिसवालों को माथे पर पसीना आ गया। कई बार कोशिश के बाद भी जब वे गोली नहीं भर पाए तो एसपी ने कहा, ‘चलो, अब दोबारा ट्रेनिंग लो।’

ट्रेनिंग में कमजोर साबित हुए कई पुलिसवालों की तैनाती बार्डर से लगे थानों पर है। ऐसे ही एक थाने के इंचार्ज से काफी मशक्‍कत के बाद भी पिस्‍टल नहीं खुली। थानेदार आसपास खड़े अन्‍य पुलिसकर्मियों को सिखाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन जब देर तक वह पिस्‍टल नहीं खोल पाए तो एसपी ने फरेंदा के थानेदार गिरजेश उपाध्‍याय से पिस्‍टल खोलने को कहा। वह इसमें सफल रहे।

बार्डर पर ही तैनात एक अन्‍य थानेदार से एसपी प्रदीप गुप्‍ता ने 45 डिग्री पर टीयर गन चलाने को कहा। थानेदार टीयर गन लेकर खड़े तो हो गए, 45 डिग्री और 90 डिग्री में कोई फर्क नहीं कर पाए। आसपास खड़े दूसरे थानेदारों ने उनकी मदद की तब वह टीयर गन चला पाए। एक अन्‍य थानेदार बुलेट का पैकेट फाड़ने में भी असफल रहे। ट्रेनिंग के दौरान पम्प एक्शन गन, टीयर गैस गन, टीयर गैस सेल जैसे कई एंटी राइट एक्यूपमेंट के प्रयोग के लिए सिलसिलेवार थानेदारों और उप निरीक्षकों को मौका दिया गया।

लेकिन एसपी के सामने मॉक ड्रिल में कई पास हुए तो कुछ फेल भी हो गए। एसपी प्रदीप गुप्‍ता ने सभी पुलिस कर्मियों को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति मुस्तैद रहने का निर्देश दिया। एसपी ने कहा कि पंचायत चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न कराना हम सभी की जिम्मेदारी है। ऐसे में अभी से बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। पिछले चुनाव में जिन गांवों में विवाद की नौबत आई थी, वहां पुलिस अफसर खुद पहुंचे। ग्रामीणों व संभावित प्रत्याशियों के साथ बैठक कर शांति व्यवस्था की अपील करें। अराजकतत्वों को चिन्हित कर लें। पुलिस वालंटियर की टीम को सक्रिय कर जन संवाद कायम करें।

एसपी प्रदीप गुप्‍ता ने जेल से छूट कर आए अपराधियों पर पैनी निगाह रखने का निर्देश दिया। मतदान केन्द्रों का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा। उन्‍होंने कहा कि मानक के मुताबिक संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केन्द्रों को चिन्हित कर रूटचार्ट समेत सभी तैयारी शुरू कर लें। जिससे जरूरत पड़ने पर सूचनाएं एकत्र करने में असहज की स्थिति का सामना नहीं करना पड़े।

पंचायत चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस कर्मियों को दंगा रोधी हथियारों का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें कुछ थानाध्यक्षों का प्रदर्शन बेहद अच्छा था। जिनको दिक्‍कत आई उन्‍हें जानकारी दी गई। मौके पर ही सिखाया गया। ऐसे प्रशिक्षण काफी उपयोगी होते हैं।

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