गाजीपुर बॉर्डर के किसान आंदोलन को लेकर लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने अपना नया बयान जारी करते हुए कहा है कि वह राकेश टिकैत व नरेश टिकैत का सम्मान करते हैं, वह किसान नेता हैं और वह स्वयं किसान हैं, वह गाजीपुर बॉर्डर नहीं गए थे। राकेश टिकैत को गुमराह किया गया है। अगर कोई यह साबित कर दे कि मैं वहां गया था तो राजनीति छोड़ दूंगा।

उधर, रविवार को विधायक नंदकिशोर गुर्जर के समर्थन में लोनी के सिरोली गांव में 24 गांवों की पंचायत बुलाई गई। बाबा मुखानाथ मंदिर में आयोजित पंचायत में चिरोडी, सिरोली, मेवला, गनौली, अगरौला, घिटोरा एवं भगोट आदि 24 गांवों के प्रबुद्ध नागरिकों ने भाग लिया। पंचायत में ग्रामीणों ने कहा कि वह सभी किसान हैं और किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं, लेकिन 26 जनवरी को लालकिले पर जिस तरह तिरंगे का अपमान किया गया तथा दिल्ली में अराजकता फैलाई गई वह गलत था। पंचायत में उपस्थित लोगों ने कहा कि विधायक नंदकिशोर गुर्जर गाजीपुर बॉर्डर नही गए थे, टिकैत अपने ऊपर लगे आरोपों को जातीय रंग देकर कानूनी कार्रवाई से बचना चाहते हैं और नंदकिशोर गुर्जर पर फर्जी आरोप मढ रहे हैं। लोनी एवं बागपत के सभी ग्रामीण विधायक नंदकिशोर के साथ हैं। पंचायत की अध्यक्षता उदयवीर प्रधान ने संचालन मोहिल बैसला ने किया। पंचायत में मुख्य रुप से लोनी प्रधान संघ के अध्यक्ष महेश प्रधान मेवला, लीलू प्रमुख, मनुपाल बंसल, मोहित कसाना, जगपाल कसाना, करतार सिंह घिटोरा, हातम प्रधान गनौली, वेदपाल, कैप्टन राजाराम, राममेहर, राजकुमार प्रधान निस्तोली, मोहित रिस्तल, शिवानंद प्रधान सिकरानी, विरेन्द्र मावी, गौरव मावी आदि मौजूद थे।

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