- 2022 में गाेवंशी के मांस की तस्करी के आरोप में भोजपुर थाने में दर्ज हुआ था मामला
मोदीनगर गोवंशी के मांस की तस्करी के मुकदमे से नाम निकालने के नाम पर दारोगा ने युवक से दो लाख रुपये रिश्वत मांगी। 70 हजार रुपये एडवांस ले भी लिए। लेकिन नाम नहीं निकाला। मुकदमा भोजपुर थाने में वर्ष 2022 में दर्ज हुआ। नाम नहीं निकलने पर युवक ने अपने रुपये वापस मांगे। लेकिन दारोगा ने धमकाकर भगा दिया। झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। पीड़ित ने पुलिस उच्चाधिकारियों से शिकायत की। लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब उन्होंने कोर्ट का रास्ता चुना। कोर्ट के आदेश पर भोजपुर थाने में दारोगा विपिन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एसीपी मोदीनगर की विवेचना दी गई है।
दरअसल, आठ सितंबर 2022 को भोजपुर थाना क्षेत्र में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मांस से भरा मिनी ट्रक हिंदू संगठनों ने पकड़ा था। उनकी शिकायत पर भोजपुर पुलिस ने केस दर्ज किया था। जिसमें मेरठ के फलावदा के सबलू की भी भूमिका दिखाई गई। लेकिन सबलू का आरोप है कि उनकी कोई भूमिका नहीं थी। इस प्रकरण से उसका कोई लेना-देना नहीं था। इसके बावजूद भी उनका नाम मुकदमे में जोड़ा गया। विवेचना कर रहे दारोगा विपिन कुमार ने नाम निकालने के नाम पर उनसे दो लाख रुपये की मांग की। सबलू ने उन्हें 70 हजार रुपये दे दिये। रकम दो गवाहों के सामने दी गई। बाकी रकम के लिए कुछ दिन का समय मांगा। लेकिन आरोपित दारोगा ने मुकदमे से नाम नहीं निकाला। शेष 1.30 लाख रुपये लाने का दबाव बनाता रहा। धमकी दी यदि रुपये नहीं दिये तो झूठे मुकदमे में जेल भेज देगा। पीड़ित को दारोगा ने वर्दी की हनक दिखाकर दबाव में लिया। परेशान आकर सबलू ने पुलिस उच्चाधिकारियों से शिकायत की। लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। इसलिए उन्होंने कोर्ट में वाद दायर किया। अब कोर्ट ने भोजपुर पुलिस को केस दर्ज करने के आदेश दिये हैं। मामले में एसीपी मोदीनगर ज्ञान प्रकाश राय का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर दारोगा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। फिलहाल दारोगा की आगरा में तैनाती है। जांच की जा रही है। उसी आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित होगी।