Modinagar। नगर पालिका परिषद् मोदीनगर का चुनाव नवंबर माह में होने के कयास लगायें जा रहे है चुनाव की तिथियों के निर्धारण से पूर्व मोदीनगर के परिसीमन का विस्तार, वार्डों के गठन व सीटों के आरक्षण पर कार्य होना तय माना जा रहा है। इसके लिए शीघ्र शासनस्तर व प्रशासनिक स्तर पर बैठक होने जा रही है।
बताते चले कि वर्ष 2017 में 27 नबंवर को नगर पालिका परिषद् मोदीनगर का चुनाव संपन्न हुआ था। जिसमें भाजपा से बर्तमान चेयरमैन अशोक माहेश्वरी भारी मतों से विजयी हुयें थे। इसके उपरान्त शपथ ग्रहण की गई थी। पांच वर्षाें के अन्तराल में नगर पालिका परिषद् द्वारा पालिका क्षेत्र विस्तार के लिए भी प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, जिसे मोदीनगर सर्किल के गांव बेगमाबाद, कादराबाद, रोरी, फफराना, गदाना, सीकरीकला सहित करीब आधा दर्जन से अधिक गावों के कुछ पूर्ण व कुछ आंशिक भाग को पालिका क्षेत्र में शामिल किया गया था। उक्त के संबन्ध में गतमाह पूर्व एक विज्ञप्ती प्रकाशित कर आपत्तियां भी मांगी गई थी। बताया जा रहा है कि अब उक्त परिसीमन के गजट की प्रतीक्षा की जा रही है। महामहीम राज्यपाल के यंहा से गजट स्वीकृत होने के उपरान्त वार्डों के गठन, विस्तार व सीटों के आरक्षण पर कार्य होना है।
मोदीनगर पालिका क्षेत्र में इस वर्ष हो सकते है 46 या 56 वार्ड
माना जा रहा है कि अगर इस वर्ष नगर पालिका परिषद् परिसीमन का गठन किया गया तो बर्तमान में 26 वार्डाें के स्थान पर लगभग 46 या 56 वार्ड हो जायेंगे। वार्डाें के चयन के लिए एक समीति का गठन किए जाने की तैयारी भी की जा रही है।
पालिका विस्तार से बढ़ेंगा पालिका राजस्व व विकास को लगेंगे पंख
पालिका अधिकारियों की मानें तो पालिका क्षेत्र के विस्तार से पालिका के राजस्व में जंहा बढ़ोतरी होंगी, वही क्षेत्र के विकास को भी पंख लगेंगे। पालिका चेयरमैन अशोक माहेश्वरी का कहना है कि जिन गावों को पालिका में शामिल कर शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। उन गावों में ग्राम प्रधान के चुनाव हो चुके है ओर ग्राम पंचायतों के गठन के उपरांत शासन से ही कोई निर्णय लिया जाना शेष है। अगर चयनित गावों को पालिका में सीमा में शामिल कर लिया जाता है, तो इन गावों का चहुमुखी विकास होगा ओर चयनित गावों के पालिका में शामिल होने से उन्हें शहर जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जायेंगी।
वार्डों के गठन, परिसीमन व सीटों के आरक्षण पर हो रहा मंथन
दरअसल 2017 में हुए निकाय चुनाव में 2011 की जनगणना के आधार पर आबादी के मुताबिक वार्डों के गठन और जातिवार जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का फार्मूला तैयार किया गया था। लेकिन चर्चा है कि इस बार स्थिति में काफी बदलाव है। अधिकारी सीमा विस्तार के बाद की स्थिति को देखते हुए वार्डों के परिसीमन और आरक्षण के नये फार्मूले पर विचार कर सकते है। सबसे पहले वार्डों का गठन किया जाना है। वार्ड गठन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद वार्डों का आरक्षण किया जाएगा और इसके बाद ही अध्यक्ष की सीट का आरक्षण होगा।