Modinagar महाशिवरात्रि को लेकर शहर में मंदिरों और शिवालयों में तैयारियां अंतिम दौर में है। मोदीनगर मंदिर के आयोजित पर्व पर वृंदावन से आए कपड़े और आभूषण से भगवान का श्रृंगार होगा। वहीं सोमवार को शहर के विभिन्न मंदिरों में पर्व की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की गई। प्रसिद्ध मोदी मंदिर का कपाट 01 मार्च को सुबह 5.30 भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा। इसके बाद विशेष पूजा अर्चना के बाद रूद्राभिषेक शुरू होगा, जो 24 घंटे तक अनवरत चलेगा। महाशिवरात्रि पर्व पर शिवशक्ति के लिए वृंदावन से मगांए गए कपड़े व आभूषण से श्रृंगार किया जाएगा। इसके अलावा दिन में हवन व कीर्तन भजन का आयोजन किया जाएगा। भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर के आस-पास सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। महिला पुरुष के लिए अगल-अलग पंक्तियां बनाई जाएंगी। इस दौरान पुलिस प्रशासन भी तैनात रहेगा।
हरमुखपुरी चौरासी घंटेश्वर मंदिर के महंत ने बताया कि मंगलवार को सुबह चार बजे मंदिर का पट खुल जाएगा, इसके बाद भगवान का पूजन अर्चन के बाद दूध, दही, घी, शहर और शक्कर से अभिषेक किया जाएगा। सुबह छह बजे के बाद मंदिर में भक्त दर्शन पूजन करेंगे। इसके बाद अनवरत अभिषेक का कार्यक्रम चलेगा। भक्तों की भीड़ को देखते हुए, सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए है। यहां वैदिक मंत्रोंचार के साथ शिव का जलाभिषेक होगा।
01 मार्च यानि आज महाशिवरात्रि
शिव भक्तों का सबसे बड़ा त्यौहार महाशिवरात्रि माना जाता है। इस त्यौहार का भक्तगण पूरे साल इंतजार करते हैं और महाशिवरात्रि के दिन सुबह से ही शिव मंदिरों में जुटने लग जाते है। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कुंजबिहारी लाल वशिष्ठ का कहना है कि महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। उन्होंने कहा कि वैसे तो साल में 12 शिवरात्रि आती हैं, लेकिन इन सभी में फाल्गुन की शिवरात्रि सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण मानी जाती है। वैसे तो इस व्रत को कोई भी रख सकता है, लेकिन महिलाएं और लड़कियां इस व्रत को बड़े शौक से रखती हैं। माना जाता है कि व्रत के प्रभाव से अविवाहित लड़कियों को मनचाह वर प्राप्त होता है।
ऐसे कर सकते हैं महादेव को प्रसन्न
कहते हैं महाशिवरात्रि वाले दिन किसी भी तरह यदि भोले बाबा की आराधना की जाए तो मां पार्वती और त्रिपुरारी दिल खोलकर अपने भक्तों की मुरादे पूरी करते हैं, वही शिव के महत्व को शिव सागर में विस्तृत रूप से देखा जा सकता है। महाशिवरात्रि वाले दिन शिवभक्त मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करते हैं साथ ही उपवास रखते हैं। इतना ही नहीं शिवरात्रि वाले दिन बहुत सी जगह शिव बारात भी निकाली जाती है।

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