New Delhi क्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां अलग-अलग शहरों में फंसे भारतीय छात्रों की नाराजगी सामने आ रही है। ये छात्र मेट्रो स्टेशन, हॉस्टलों के बंकरों और अपने फ्लैट्स में छिपकर जान बचा रहे हैं। यहां सुरक्षा में तैनात मार्शल उनके मोबाइल से यूक्रेन पर हमले से संबंधित फोटो और वीडियो डिलीट करा रहे हैं। बंकर में छिपे छात्र हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि भारतीय एम्बेसी अगर समय रहते सक्रिय हो जाती तो इन बच्चों को वहां फंसने से बचाया जा सकता था। बच्चों ने क्लासेस ऑनलाइन चलवाने की मांग की थी, लेकिन एम्बेसी ने उनकी मांग पर ध्यान ही नहीं दिया। एक छात्र का कहना है कि युद्ध के बीच भी क्लासेस लगाई जा रही हैं। इन सबके बीच भारतीय छात्र कीव में शरणार्थियों के तरह रहने को मजबूर हैं। कुछ छात्र हंगरी के रास्ते घर वापसी के प्रयास में लगे हैं। भास्कर ने यूक्रेन के कीव, सूमी, डेनेप्रो, इवोना, खार्कीव, ओडेसा और डेवेन पैट्री जैसे शहरों में फंसे छात्रों से बात की…
बिहार के शुभम् की रिपोर्ट
यहां 6 बम गिरे हैं, फ्लाइट्स कैंसिल हैं’:बिहार के छात्र ने वीडियो मैसेज में कहा- हम फंस गए
भागलपुर के शुभम सम्राट भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। शुभम ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। शुभम ने एक वीडियो मैसेज जारी कर कहा कि- ‘पिछले कुछ दिनों से रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई की आशंका थी। हम लोग यहां पढ़ाई कर रहे हैं। क्लासेस ऑफलाइन हैं। युद्ध की आशंका को देख इंडियन एंबेसी को हमने कई मेल किए कि क्लास ऑनलाइन करवा दें। पर बहुत कोशिशों के बाद भी वे लोग ऑनलाइन क्लास के लिए नहीं माने, तो हम लोगों ने यहीं रह कर अपनी पढ़ाई जारी रखी। क्लासेस अगर ऑनलाइन करा दी जाती तो हम घर जाकर भी पढ़ाई जारी रख पातें। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। क्लासेस ऑफलाइन ही चल रही थी। हम लोग यहां कॉलेज के हॉस्टल में फंसे हुए हैं।
मध्यप्रदेश के छात्रों की रिपोर्ट
चीजें महंगी हो रहीं, पैसे भी खत्म हो रहे, हर घंटे आ रहे परिवार के वीडियो कॉल
देवास के हर्ष ठाकुर कीव में हैं। उन्होंने बताया कि हम सुरक्षित हैं। यहां के बाजारों में अधिकतर सामान खत्म होने को है। घर से बाहर निकलने से मना किया जा रहा है। स्कूल भी बंद हो गए हैं। ग्वालियर के पीयूष सक्सेना कीव से 60 किमी पूर्व में स्थित सूमी शहर में हैं। वे सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में MBBS की फिफ्थ ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा- हमें यहां से निकाल लो तो हम सुरक्षित बच जाएंगे। क्योंकि यहां कभी भी कुछ भी हो सकता है। सूमी शहर में सारे बाजार बंद है। बसें, टैक्सियां भी नहीं चल रही हैं।
अशोकनगर की ऋषिका खंतवाल ने बताया कि अभी विन्निसिया नेशनल पिरोगोव मेडिकल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में है। एक विदिशा और एक उत्तर प्रदेश की छात्रा साथ में है। हमला होते ही गुरुवार को हॉस्टल का सायरन बना और सभी को अलर्ट कर दिया गया। सभी ने खाने-पीने सहित अन्य जरूरी सामान की खरीदी कर ली है। पिता अनिल खंतवाल हर घंटे वीडियो कॉल कर हाल जान रहे हैं। देवास जिले के चापड़ा निवासी ऋषभ यादव यूक्रेन के डेनेप्रो शहर में हैं। उन्होंने बताया कि मार्केट में कोरोना काल जैसे हालात बन रहे हैं। किराना सहित अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए मार्केट में लोगों की भीड़ लग रही है।
सोनकच्छ के सुयश महाजन इवोना में फंसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि यहां खाने-पीने के सामान के लिए भगदड़ मची हुई है। दूतावास से संपर्क किया था, लेकिन वे भी कुछ जवाब नहीं दे पा रहे हैं। युद्ध के बीच भी क्लासेस लगाई जा रही है। घर आना अभी मुश्किल है।
छत्तीसगढ़ के तुषार और गुलशन की रिपोर्ट
खार्कीव में चार धमाके हुए तो बंकर में ले जाकर रखा, CM से मांगी मदद
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के छात्र तुषार गिरी गोस्वामी यूक्रेन में मेडिकल छात्र है। वह खार्कीव के वीएन करजिन में 6th ईयर में पढ़ते हैं। तुषार ने बताया कि सुबह 5 बजे धमाकों की आवाज सुनाई दी। जिससे वह डर गया है। सुबह से लेकर एक के बाद एक कर चार बम धमाके हुए। इसके बाद यहां रहने वाले लोग भी दहशत में आ गए हैं। हालात खराब होने पर तुषार और उसके साथ रहने वाले स्टूडेंट को गुरुवार शाम बंकर में ले जाया गया है। जांजगीर-चांपा जिले के ही सक्ती का रहने वाला छात्र गुलशन राठौर भी खार्कीव में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। उसने बताया कि युद्ध शुरू होने के बाद बमबारी हो रही है। ऐसे में उन्हें सुरक्षित जगह पर जाने की सलाह दी गई है। खतरे की आशंका को देखते हुए उन्हें स्थानीय लोगों के साथ बंकर में ले जाया गया है, जहां उन्हें रात बितानी होगी।
रायगढ़ के छात्र कफी खान कीव शहर में MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया वह वेस्ट में लिवअप शहर की ओर जा रहे हैं। यहां से हंगरी जाने की तैयारी है। वहां पहुंच गए तो सुरक्षित घर वापसी की उम्मीद बढ़ जाएगी।
राजस्थान के छात्रों की रिपोर्ट
सुबह धमाके की आवाज से आंख खुली, अब वेस्टर्न एरिया में करेंगे शिफ्ट
यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के बाद कीव में तारस शेवचेनको यूनिवर्सिटी और कीव नेशनल यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट दहशत में हैं। भारतीय छात्र एक-दूसरे की हेल्प कर खुद भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। कुछ स्टूडेंट्स को हॉस्टल में बने बंकर में सुरक्षित रखा गया है। यहां वे सब मार्शल (यूक्रेन के सैनिक) की सुरक्षा और निगरानी में है। बताया जा रहा है कि तारस शेवचेतको यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले राजस्थानी स्टूडेंट को यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में शिफ्ट किया गया है। वहां बंकर बने हुए है। फिलहाल स्टूडेंट सुरक्षित हैं। स्टूडेंट अपना सामान पैक कर चुके हैं। यहां यूनिवर्सिटी और एंबेसी की ओर से कहा गया है कि जरूरी डॉक्यूमेंट को साथ रखें। उन्हें वेस्टर्न एरिया में शिफ्ट किया जा रहा है। यह वो एरिया है जहां अभी युद्ध जैसे हालात नहीं हैं।
वहीं, गुरुवार शाम को भी हालात कुछ ठीक नहीं थे। यहां जोधपुर समेत आस-पास के स्टूडेंट ने बताया कि शाम को एक बार फिर से आसमान में फाइटर जेट गरजने लगे। हालांकि एंबेसी से कॉल आने के बाद वे निश्चित हो गए कि जल्द ही वे अपने घर भारत लौट आएंगे। वहां के हालातों को लेकर दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने कई स्टूडेंट्स से बात की।
सुबह 5 बजे धमाके की आवाज सुन आंख खुली, लोग भाग रहे थे
जोधपुर की खुशी कीव में एक अपार्टमेंट में रह रही हैं। बताया कि भारत में सुबह 8:30 बजे होंगे। उस समय यूक्रेन में सुबह 5 बजे का समय था। अचानक तेज धमाका सुनाई दिया। धमाके के साथ आंख खुली। फ्लेट में अकेले थी। बाहर खिड़की से झांक कर देखा तो लोग सामान लेकर भाग रहे थे। कुछ समझ नहीं आया। इतने में एक फ्रेंड का कॉल आ गया। उसने बताया कि हमला हुआ है। न्यूज देखी तो पता चला युद्ध छिड़ चुका है। सब कुछ बंद हो गया था। कैब बुक नहीं हो पा रही थी। एक दोस्त ने मुझे कॉलेज के हॉस्टल में छोड़ा। यहां बंकर बने हुए हैं। हम सभी को यहां सुरक्षित रखा गया है।
यहां मार्शल लॉ लग चुका है। यानी हम लोग यूक्रेन सैनिकों की निगरानी में हैं। खुशी ने बताया कि फोन में यूक्रेन से संबंधित सभी फोटो और वीडियो डिलीट करवा दिए हैं। किसी को शेयर नहीं करने दिया जा रहा है। इस बीच एंबेसी से एक मैसेज मिला कि वे हमें वेस्टर्न एरिया में ले जाएंगे।
UP के छात्रों की रिपोर्ट
आसपास फट रहे बम, जल्द हमें यहां से निकालें
बलिया के नगरा निवासी अखिलेश जायसवाल का बेटा मनीष यूक्रेन के ओडेसा में रहकर पढ़ाई करता है। वह MBBS थर्ड ईयर का स्टूडेंट है। मनीष को 5 मार्च को देश लौटना था। प्लेन का टिकट भी हो चुका था। इसी बीच रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। अखिलेश का कहना है, कल 2 से 3 बार मनीष से बातचीत की। बिगड़े हालात के चलते वह परेशान है। मनीष ने बताया- यूक्रेन में आसपास बम फट रहे हैं। हम लोग कमरे में ही पैक हैं। बस कुछ दिनों का राशन-पानी उनके पास बचा है। मन में एक डर बैठ गया है।
बलिया के स्वास्थ्य विभाग में तैनात देवरिया के रामपुर कारखाना निवासी सुरेंद्र यादव का बेटा प्रणवनाथ भी यूक्रेन में MBBS फोर्थ ईयर की पढ़ाई कर रहा है। वह यूक्रेन की राजधानी कीव से करीब 400 किमी दूर डेवेन पैट्री में रहता है। रूस द्वारा हमला करने की जानकारी होने के बाद सुरेंद्र यादव का परिवार काफी परेशान है। जिस शहर में प्रणवनाथ है, वहां पर शांति है, लेकिन वहां से 200 किमी की दूरी पर स्थित खार्कीव शहर में बमबारी हो रही है। दिसंबर में प्रणव घर आया था। परिवार में शादी समारोह में शामिल होने के बाद 3 जनवरी को यूक्रेन गया था।
हरदोई की बेटी बोली- फ्लाइट्स उन्हीं के लिए जिनकी जेबें भरी हैं, हमारे पेरेंट्स तो लोन ले रहे
हरदोई की वैशाली यूक्रेन के इवेनो में फ़्रांकिविज़ नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में MBBS की तीसरे साल की छात्रा है। वो भी सभी की तरह वतन वापसी चाहती है। वे कहती हैं, सरकार की ओर से रेस्क्यू के लिए जा रही फ्लाइट्स उन्हीं के लिए हैं, जिनकी जेब भरी हुई है। हमारे पेरेंट्स तो हमें बुलाने के लिए लोन ले रहे हैं। उन्होंने भास्कर संवाददाता फैजी खान से यूक्रेन के सारे हालात बयां किए।
वैशाली बताती हैं, यहां बहुत ज्यादा पैनिक का माहौल है। सब अपने-अपने फ्लैट्स में बंद हैं। कोई बाहर नहीं निकल पा रहा है, क्योंकि बाहर बम गिर रहे हैं। कहीं भी कुछ भी हो रहा है। सब बहुत ज्यादा परेशान हैं। यहां काफी इंडियन स्टूडेंट्स हैं हमारी यूनिवर्सिटी में। हम इसी उम्मीद में बैठे हैं कि इंडियन गवर्नमेंट कुछ करेगी और हम यहां से बाहर जा पाएंगे। हमने फ्लाइट में बुकिंग करवाई थी जाने के लिए, लेकिन वो कैंसल हो गई है। हम बाहर भी नहीं जा सकते, कुछ भी सामान लेने। जब तक का सामान हैं तब तक ठीक है। आगे की हालत का कुछ पता नहीं। कभी भी कुछ भी हो सकता है यहां। सरकार की ओर से रेस्क्यू के लिए जा रही फ्लाइट्स उन्हीं के लिए हैं, जिनकी जेब भरी हुई है। हमारे पेरेंट्स तो हमें बुलाने के लिए लोन ले रहे हैं।
हरियाणा की भव्या की रिपोर्ट
मैं तो किस्मत से लौट आई, मेरे साथी अभी भी फंसे हैं, उनकी चिंता है
हरियाणा के करनाल जिले के सेक्टर-13 निवासी भव्या ने गुरुवार शाम को यूक्रेन से वतन लौट आई। भव्या के करनाल पहुंचने पर परिजन ने राहत की सांस ली, पर भव्या के चेहरे पर दोस्तों को लेकर परेशानी है। उसकी फ्लाइट निकलने के बाद ही ब्लास्ट शुरू हो गए और उसके दोस्त अभी वहीं फंसे हैं। भव्या बोलीं, “16 फरवरी को वॉर के बारे में बोला गया, तब सभी घबरा गए, पर स्थिति को सामान्य बताते रहे तो कुछ घबराहट कम हो जाती। मैंने पहली बार ऐसा देखा कि मिसाइल गिर रहे हैं। ऐसा होने से काफी लोग डर गए हैं। मैं जेनेट्रो सिटी में रही। जो हमले वाली जगह से काफी दूर है।
यूक्रेन में फंसे पंजाबियों की मदद के लिए भगवंत मान ने जारी किया वॉट्सऐप नंबर
यूक्रेन में फंसे पंजाबियों की मदद के लिए आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने वॉट्सऐप नंबर 9877847778 जारी किया है। मान ने कहा कि यूक्रेन में फंसे पंजाबी या उनके परिवार के लोग इस नंबर पर संपर्क करें। उनकी तरफ से पंजाबियों को वापस लाने के लिए पूरी मदद की जाएगी।
