Modinagar शिक्षण संस्थान किसी भी बोर्ड से संबद्ध हों लेकिन विद्यार्थियों के जीवन की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसलिए माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने सभी बोर्ड के स्कूल-कालेजों में कोविड-19 गाइडलाइंस के पालन का निरीक्षण करने के लिए टीमों का गठन किया है। ये टीमें सोमवार से प्रभावी हो गई है ओर गोपनीय तरीके से नियमों का पालन कराने की व्यवस्थाओं की पड़ताल करेंगी। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के चलते अभी छह फरवरी तक विद्यालयों को बंद रखने के निर्देश शासन से जारी किए गए थे। अब कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक भी लग रहा है। साथ ही अन्य राज्यों में विद्यालयों को खोला भी जा रहा है। विद्यालय फिर से खुलने पर शिक्षण कार्य के साथ अफसरों की निगाहें नियम पालन पर भी होंगी।
कोविड के नियमों का पालन जरूरी
यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आइसीएसई से संबद्ध स्कूल-कालेजों में कोविड-19 के सुरक्षा मानकों के पालन न किए जाने की रिपोर्ट अफसरों के पास पहुंची हैं। इस पर सभी बोर्ड के स्कूल-कालेजों को नोटिस जारी किया गया है। डीआईओएस कार्यालय के अनुसार निरीक्षण टीमों ने कई स्कूल-कालेजों का गोपनीय ढंग से निरीक्षण किया था। जिसकी रिपोर्ट में तथ्य सामने आया है कि ज्यादातर जगहों पर कोविड-19 संक्रमण से बचने के सुरक्षा मानकों को ताक पर रख स्कूल संचालित किया जा रहा था। इस संबंध में सभी संस्थानों के प्रधानाचार्यों व प्रबंधकों को नोटिस जारी किया गया है, कि विद्यालयों में कोरोना वायरस से सुरक्षा के सभी उपायों को अपनाया जाए। अगर वे इन उपायों का पालन नहीं करा पा रहे हैं तो उनको विद्यालय संचालित करने की अनुमति नहीं है। ऐसे में भले ही शासनस्तर से विद्यालयों को खोलने की अनुमति मिल जाए, लेकिन कोरोना गाइडलाइंस के पालन के बिना किसी भी संस्थान को संचालित नहीं करने दिया जाएगा। विद्यार्थियों की सुरक्षा से किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बताया कि चार-चार सदस्यीय टीमों का गठन किया गया है।
टीम में ये रहेंगे शामिल
ये टीमें विद्यालय खुलने पर वहां जाकर कोरोना गाइडलाइंस के पालन की सच्चाई को देखेंगीं। अगर किसी विद्यालय में नियमों का पालन न किया जाता पाया गया, तो उसको तत्काल बंद कराने की कार्रवाई की जाएगी। फिर सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का प्रमाण्पत्र देने के बाद ही विद्यालय संचालन की अनुमति दी जाएगी। कोरोना संक्रमण का प्रकोप फिलहाल टल रहा है। इसका प्रसार फिर से न हो और विद्यार्थी संक्रमित न होंए इसलिए अनिवार्य रूप से कोरोना से बचाव के उपाय संस्थानों में कराए जाएंगे। लापरवाही करने वालों के खिलाफ मान्यता प्रत्याहरण की संस्तुति कर रिपोर्ट संबंधित बोर्ड को भेजी जाएगी।