Modinagar : शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों अनाधिकृत अवैध कालोनियों की बाढ़ सी आ गई है। जिसके चलते जंहा एक तरफ गाजियाबाद विकास प्राधिकरण बेपरवाह बना है, वही बिजली विभाग भी ऐसी काॅलोनियों को बिजली की सुविधा उपलब्ध कराकर अपनी मनमानी करने पर उतारू है।
बताते चले कि मोदीनगर तहसील क्षेत्र के शहरी व ग्रामीण इलाकों में अवैध रूप से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराएं बिना व शासन से कृषि भूमि का भूः उपयोग परिवर्तन करायें बिना ही अवैध कालोानियां प्रोपर्टी डीलरों द्वारा काटी जा रही है। इन दिनों यंहा अवैध कालोनियों की भरमार है। कार्रवाही के नाम पर जीडीए प्रशासन लीपापोती करने में लगा है। वही स्थानीय बिजली विभाग की अगर बात की जाये ंतो विभाग के गुर्गें अवैध काॅलोनाइजरों से सेटिंग बेटिंग कर मनमाने दामों पर शुल्क के साथ ही सुविधा शुल्क वसूलकर बिजली आपूर्ति की सुविधा भी उपलब्ध करा रहे है। इतना ही नही इन काॅलोनियों में बिजली की सुविधा उपलब्ध होते ही काॅलोनाइजरों की भी बल्ले- बल्लें हो रही है। बिजली, पानी की सुविधा उपलब्ध होते ही काॅलोनाइजर मनमाने दामों पर प्लाटिंग कर रहे है। सब कुछ जानने के बाबजूद भी जीडीए के स्थानीय कार्यालय पर तैनात जेई, अन्य अधिकारी व कर्मचारी अनजान बने रहते है। अगर इस संबन्ध में कोई जागरूक नागरिक राजस्वहित में मामले का खुलासा करने का प्रयास करता है, तो उस पर काॅलोनाइजर अवैध उगाही या भुगत लेने की धमकी देते है।
जिला न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले एक अधिवक्ता ने बताया कि मोदीनगर की फफराना बस्ती में स्थित करीब 14 बीघा कृषि भूमि में एक काॅलोनाइज द्वारा अवैध रूप से प्लाटिंग की जा रही है। इसकी शिकायत जीडीए व संबन्धित विभागों में की गई, बाबजूद इसके अभी तक भी अवैध काॅलोनी का ध्वस्तीकरण नही किया गया। अधिवक्ता ने कहा कि वह इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जायेंगे। सब कुछ जानने के बाद भी बिजली विभाग ऐसी काॅलोनियों में बिजली आपूर्ति कर बढ़ाबा दे रहा है। बिजली विभाग से के अधिकारियों को कहना है कि इससे राजस्व की हानि नही हो रही है।

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