Ghaziabad : जिला एमएमजी अस्पताल में बृहस्पतिवार को रसौली का ऑपरेशन कराने आई महिला सुमन (50) के तीमारदारों से 10 हजार रुपये मांगे गए। तीमारदारों ने रकम देने से इनकार किया तो आरोप है कि उसे ऑपरेशन थियेटर (ओटी) से बाहर निकाल दिया गया। उनके हंगामा करने पर भी ऑपरेशन नहीं किया गया। मामला सीएमओ तक पहुंच गया, फिर भी महिला को ऑपरेशन हुए बगैर ही घर वापस जाना पड़ा। सीएमएस ने जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की है। इससे तीन दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
कैलाश नगर निवासी सुमन ने बताया, उसे सुबह साढ़े आठ बजे ओटी में ले जाया गया। ऑपरेशन की तैयारी शुरू हो चुकी थी। उसके कपड़े बदल दिए गए थे तभी बाहर से तेज आवाज आने लगी। बाद में पता चला कि एक शख्स ने उसके परिवारीजनों से कहा कि ऑपरेशन तभी होगा, जब 10 हजार रुपये जमा करा दोगे। उसने अपना नाम डॉ. कामिल बताया था। परिवारीजनों ने कहा कि पैसे किस बात के, ये तो सरकारी अस्पताल है और यहां ऑपरेशन निशुल्क होते हैं। इस पर उसने कहा कि पैसे न देने का अंजाम दो मिनट में पता चल जाएगा।

सुमन का आरोप है कि उसके जाते ही चिकित्सकों ने उसे ओटी से बाहर निकाल दिया। परिवारीजनों ने कारण पूछा तो कह दिया कि ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है, ऑपरेशन नहीं होगा। परिवारीजनों ने डॉक्टरों से कहा कि बीपी बढ़ा हुआ है तो उसका इलाज करो। जवाब मिला, मरीज को कहीं और ले जाओ। सुमन के बेटे सुमित ने बताया कि उन लोगों ने हंगामा किया तो चिकित्सा अधिकारी आए। उन्होंने सीएमओ को फोन करके पूरा मामला बताया। ऑपरेशन के लिए तारीख डॉ. वंदना ने तय की थी।
पथरी के ऑपरेशन के 15 हजार मांगे
कड़कड़ मॉडल निवासी नितिन की पत्नी विनीता का पथरी का ऑपरेशन होना था। नितिन ने भी पैसे मांगने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी को कई दिन तक चक्कर लगवाए गए। बाद में तारीख तय की गई, लेकिन ऑपरेशन के लिए 15 हजार रुपये की मांग की गई है। पैसा नहीं दिया, इसलिए ऑपरेशन नहीं हुआ।

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