मोदीनगर। पेट्रोलियम कंपनियों ने रसोई गैस सिलिडर के दाम में 25 रुपये की और बढ़ोतरी कर दी। अभी तक 877.50 रुपये में मिलने वाला सिलिंडर अब 902.50 रुपये में मिलेगा। लगातार बढ़ते दामों से गृहणियों की परेशानी बढ़ गई है। उनका कहना है कि सरकार को अब महंगाई पर रोक लगानी चाहिए। रसोई गैस के दाम बढ़ने से घरेलू बजट गड़बड़ा गया है।
पिछले साल अगस्त के महीने में रसोई गैस सिलिंडर की कीमत लगभग 650 रुपये थी। तब उपभोक्ताओं के खाते में सवा सौ रुपये के लगभग सब्सिडी आ जाती थी। इस तरह से उन्हें सिलिंडर का मूल्य लगभग 525 रुपये में पड़ता था। बाद में धीरे-धीरे लगभग हर महीने सिलिंडर के दाम बढ़ते रहे और सब्सिडी घटती रही। अब तो नाम मात्र की सब्सिडी रह गई है। पिछले साल अगस्त से तुलना करें तो अब तक रसोई गैस सिलिंडर के दामों में लगभग 252 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है। गृहणियों का कहना है कि जिस तरह से कीमत बढ़ रही है, उसे देखते हुए जल्द ही रसोई गैस सिलिडर एक हजार का हो जाएगा। दालें, खाद्य तेल, घी, मसाले आदि पर लगातार महंगाई बढ़ रही है। दूध के भी दाम बढ़ गए। रही सही कसर रसोई गैस की बढ़ती कीमतें कर रही हैं। आय का काफी बड़ा हिस्सा रसोई के बजट में खर्च हो जाता है। सरकार को चाहिए कि कंपनियों पर दबाव डालकर रसोई गैस की कीमतों पर अंकुश लगाएं। सब्सिडी में भी कंजूसी कर दी गई है। कोरोनाकाल में महंगाई बड़ी समस्या बन गई है। रसोई गैस के तो हर महीने दाम बढ़ने लगे हैं। खानपान की चीजें लगातार महंगी होती जा रही हैं। लोगों की आमदनी नहीं बढ़ रही।  आदर्श नगर निवासी संगीता कहती है कि सरकार ने उज्जवला योजना के तहत गरीबों को रसोई गैस के मुफ्त कनेक्शन दिए थे। सिलिंडर के दाम लगातार बढ़ने से ऐसे गरीब परिवारों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है, लेकिन लगता है कि सरकार को इसकी कोई चिता ही नहीं है। आरती सोनी कहती है कि रसोई का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। सामान्य परिवारों की आमदनी तो सीमित है। ऐसे में महंगाई का सामना करने में दिक्कतें आ रही हैं। रसोई गैस की बढ़ती कीमतें हैरान करने वाली हैं।

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