गाजियाबाद। कविनगर के दुर्गा एंक्लेव में पढ़ाई के तनाव में आकर 12वीं पास छात्रा ने सोमवार को फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों को मौके से डायरी में लिखा सुसाइड नोट मिला। जिसमें छात्रा ने माफी मांगते हुए लिखा कि सॉरी मम्मी-पापा, जैसा वह चाहते थे, वह वैसी नहीं बन सकी। परिजनों ने पुलिस से शव का पोस्टमार्टम न कराने की गुहार लगाई। दुर्गा एंक्लेव निवासी संजय त्यागी नोएडा की एक आईटी कंपनी में नौकरी करते हैं। उनकी बेटी नंदिनी (18) ने इस वर्ष 12वीं पास की थी, जबकि बेटा आदित्य 10वीं का छात्र है। नंदिनी ने सोमवार सुबह कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने देखा तो उसे फंदे से उतारकर आनन-फानन सर्वोदय अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

वह अकसर उसे पढ़ाई के लिए टोका करते थे, जबकि नंदिनी का पढ़ाई की तरफ कम रुझान था। इसी के चलते वह डिप्रेशन में आ गई थी। पुलिस के मुताबिक नंदिनी रक्षाबंधन पर काफी खुश थी। उसने भाई आदित्य को राखी भी बांधी थी। लेकिन अगले ही दिन वह मौत को गले लगा लेगी, पिता संजय ने रविवार रात नंदिनी का मोबाइल देखा तो वह चौंक गए। इसके बाद उन्होंने पत्नी के साथ दोनों बच्चों की काउंसलिंग की। इसके बाद नंदिनी ने ऐसा न करने का भरोसा भी दिया था, लेकिन सुबह होते ही फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। आई एम सॉरी मम्मी-पापा। आप दोनो जैसा चाहते थे, मैं वैसा नहीं कर पाई। मैं आपकी अच्छी बेटी नहीं बन पाई। मैंने आप दोनों को बहुत दुखी किया है, अब नहीं करना चाहती। मैं थक गई हूं अब। यही है टेंपरेरी प्रॉब्लम का परमानेंट सॉल्यूशन। आई एम सॉरी, यह स्टेप लेने के लिए। मैं बड़ी मम्मी, मम्मी, पापा, बड़े पापा, मेरे दोनों भाईयों से बहुत प्यार करती हूं। गुड बॉय।

 

 

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