ghaziabad । जिले के सरकारी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों से पांच साल में 21 डॉक्टर नौकरी छोड़ गए हैं। यह हाल सूबे के स्वास्थ्य राज्य मंत्री के जिले का है। नौकरी छोड़ने की मुख्य वजहों में पोस्टमार्टम ड्यूटी, वीआईपी ड्यूटी, मेडिको लीगल मामलों में कोर्ट में गवाही देने, वैक्सीनेशन में देर रात काम करने और आए दिन अस्पतालों में डॉक्टरों से होने वाला दुर्व्यवहार शामिल है। डॉक्टर सरकारी से प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। दिल, सांस, किडनी के एक भी डॉक्टर नहीं हैं। 65 डॉक्टर और 125 स्टाफ नर्स के पद खाली हैं।
डॉक्टरों की कमी से मरीजों को कर दिया जाता है रेफर
अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी से इलाज के लिए आने वाले गंभीर मरीजों को हायर सेंटर के नाम पर दिल्ली रेफर कर दिया जाता है। सबसे अधिक परेशानी सीएचसी पर होती है, क्योंकि वहां पर व्यवस्था तीस बेड पर मरीजों को भर्ती करने की होती है, लेकिन डॉक्टरों के दूर रहने से भी मरीजों को रेफर दिया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *