Disha Bhoomi – श्रावणी पूर्णिमा एवं विश्वसंस्कृत दिवस के उपलक्ष्य पर मोदीनगर ब्रह्मपुरी गली नं-4 स्थित श्री संजयपांचाल जी के यहाॅं बड़े ही धूमधाम से मनाया गया कार्यक्रम के प्रारंभ में यज्ञ हुआ इस दौरान सभी को तिलक, रक्षासूत्र बांधकर संस्कृति के उत्थान के लिए संकल्प लिया कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संस्कृतभारती के जिलाध्यक्ष श्री गोपाल कौशिक जी ने कहा सातवीं शताब्दी में वैदिक काल में महाराजा हर्ष का राज्य काल था और स्त्रियां भी वेद मंत्र का वाचन करती थी परिवार में सभी लोग संस्कृत में ही वार्तालाप करते थे । कार्यक्रम की रूपरेखा श्री संजय पांचाल जी के द्वारा किया गया और उन्होंने कहा कि उस समय प्रत्येक व्यक्ति संस्कृत में वाचन करते थे इस समय भी संस्कृत व्यवहार और प्रचार के लिए संस्कृत के बोलचाल की भाषा कैसे बने इस कार्य के लिए संस्कृत के सेवार्थ लगे हुए हैं इसी तरह हमारे पूरे भारत में जैसे संस्कृत प्राचीन रूप में थी उसी रूप में हमें संस्कृत का पुर्नस्थापन करें कार्यक्रम के मध्य में कीर्ति पांचाल,गरिमा पांचाल ने संस्कृत गीतों से मन मुग्ध कर दिया । जिलासंपर्कप्रमुख उदय चन्द्र झा ने कहा कि आज के समय में संस्कृत के मुख्य विषय के रूप में स्वीकार किया जा रहा है संस्कृत हमारी संस्कृति का मूल है और जब कोई अपने संस्कृति से विमुख होता है तो वह देश समाज राष्ट्र दीर्घ काल तक स्थिर नहीं रह सकता इसी के साथ जिलासंपर्कप्रमुख उदय चन्द्र झा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापन किया और अंत में रामांश शुक्ला ने शांति मंत्र बोलकर सभी को संस्कृतदिवस की शुभकामनाएं दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में जिलाध्यक्ष गोपाल कौशिक, जिलासंपर्कप्रमुख उदय चन्द्र झा , नगरसंपर्कप्रमुख संजय पांचाल , रामांश शुक्ला , डॉ कुलदीप पांचाल , मुकुल पांचाल , मंयक पांचाल , प्रज्ञान पांचाल , विनोद आर्य, अरुण कुमार , कीर्ति , गरिमा, तमन्ना, सुनीता, सुशीला देवी, आदि उपस्थित रहे।