नई दिल्ली. इस्लामिक स्टेट, खालिस्तान आतंकी संगठनों और द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) जैसे आतंकवादी समूहों ने भारत में हमलों को अंजाम देने के लिए एक नई रणनीति अपनाते हुए नाबालिगों को इस्तेमाल करना शुरू किया है. हाल ही में हुए कई भंडाफोड़ के बाद केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को इस बात का पता चला. क्या है इसके पीछे का कारण? खुफिया विशेषज्ञों का कहना है कि सजा में कम सख्ती, अनुभवी आतंकियों की तुलना में खुफिया एजेंसियों के रडार से बचने का आसान तरीका और उनकी तकनीकी समझ.

इसका एक उदाहरण वाराणसी के बासित कलाम सिद्दीकी का मामला हो सकता है, जहां उसकी अगुवाई वाले आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ था. कम-से-कम चार से पांच किशोर सिद्दीकी के इस्लामिक स्टेट समर्थक टेलीग्राम चैनल ‘द कारवां ऑफ डेजर्ट’ का हिस्सा थे. वे दुनिया भर में आईएस कैडरों/समर्थकों के साथ नेटवर्किंग कर रहे थे और टेलीग्राम चैनलों के माध्यम से आईईडी बनाने वाले मैनुअल का प्रसार करके बड़े पैमाने पर हमले करना चाहते थे.

Tags: Islamic state, Khalistani Terrorists, Pakistan, Terrorist

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