New Delhi – रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दो दिन के आधिकारिक भारत दौरे पर गुरुवार को भारत पहुंचे। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि लावरोव शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। हालांकि, नई दिल्ली में लावरोव की मीटिंग को लेकर विदेश मंत्रालय की ओर से जारी मीडिया एडवाइजरी में PM मोदी के साथ उनकी मुलाकात का जिक्र नहीं है।
माना जा रहा है कि लावरोव की विदेश मंत्री जयशंकर से बातचीत के दौरान दो प्रमुख मुद्दों पर फोकस रहेगा। रूस से किफायती दरों पर क्रूड ऑयल की खरीद और बाइलैटरल ट्रेड के लिए रुपया-रूबल पेमेंट सिस्टम पर सहमति बन सकती है। रूस-यूक्रेन जंग के दौरान रूसी विदेश मंत्री की यह पहली भारत यात्रा है।
भारत रूसी मिलिट्री इक्विपमेंट्स सहित S-400 मिसाइल सिस्टम के पार्ट्स की समय पर डिलीवरी के लिए भी दबाव बना सकता है। बता दें कि रूसी विदेश मंत्री चीन की दो दिन की यात्रा के बाद भारत पहुंचे हैं। लावरोव का यह दौरा उस समय हो रहा है जब भारत के साथ के लिए अमेरिका के डिप्टी NSA दलीप सिंह और ब्रिटेन की विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रस भी भारत दौरे पर हैं।
PM मोदी ने 24 फरवरी, 2 मार्च और 7 मार्च को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन फोन पर बातचीत की थी। प्रधानमंत्री यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से भी दो बार बात कर चुके हैं।
भारत ने वैश्विक मंचो पर यूक्रेन में सीजफायर रोकने की बात दोहरा चुका है, लेकिन UN सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग में रूस के खिलाफ वोटिंग से परहेज किया है। भारत ने हमले को लेकर रूस की आलोचना तक नहीं की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी कह चुके हैं कि रूस के खिलाफ कार्रवाई करने में भारत की स्थिति स्पष्ट नहीं है।
पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस भारत को सस्ते दाम पर कच्चा तेल बेचना चाहता है। रूस ने अंतरराष्ट्रीय कीमत से 35 डॉलर प्रति बैरल की छूट पर क्रूड बेचने की पेशकश की है। सूत्रों के मुताबिक अभी इस मसले पर दोनों पक्षों के बीच विचार-विमर्श चल रहा है।
अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के पहले के मुकाबले 10% महंगा चल रहा है। यूक्रेन पर हमले से ठीक एक दिन पहले यानी 23 मार्च को ब्रेंट क्रूड 96.84 डॉलर प्रति बैरल था। गुरुवार को कीमत 106.85 डॉलर रही। तेल खपत में अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। भारत अपनी जरूरत का 80% तेल आयात करता है।
भारत ने साल 2021 में रूस से 1.20 करोड़ बैरल तेल इंपोर्ट किया था। हालांकि, यह भारत के कुल इंपोर्ट का महज 2% था। आगर भारत रूस से क्रूड लेता है तो पेट्रोल-डीजल की रिटेल कीमतों पर पड़ रहे दबाव में कमी आ सकती है।
रूस चाहता है कि भारत इस साल के लिए कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर 1.5 करोड़ बैरल तेल उससे खरीदे। इसके लिए सरकारी स्तर पर बातचीत चल रही है। हालांकि इस करार में यह शर्त भी है कि इंडियन ऑयल रूस से क्रूड तभी खरीदेगी, जब सस्ता पड़े। डिस्काउंट को जोड़ें तो ढुलाई खर्च बढ़ने के बावजूद भारत को रूसी क्रूड खरीदना फायदेमंद होगा।