New Delhi – पाकिस्तान के पीएम इमरान ने अंततः उस साजिश वली चिट्ठी के बारे में सीनियर पत्रकारों को बताया है। इमरान ने कहा था कि धमकी भरा पत्र विदेश मंत्रालय को भेजा गया है। उन्होंने बताया था कि पत्र को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसकी सत्यता पर संदेह करने वाले को इसे ऑफ द रिकॉर्ड दिखाया जा सकता है। उन्होंने गोपनीयता और सुरक्षा कारणों से पूरी चिट्ठी नहीं दिखाई है लेकिन इसके मूलभाव को बताया है। कहा गया है कि राजनयिक मजबूरियों और कानूनी बाधाओं के कारण देश का नाम नहीं बताया जा सकता है।
पत्रकारों को बताया गया है कि यह चिट्ठी न तो किसी देश ने पाकिस्तान को लिखा है और न ही यह किसी पाकिस्तानी राजनयिक का विश्लेषण है। चिट्ठी पाकिस्तान के राजनयिकों और विदेश मंत्रालय को भेजे गए एक शक्तिशाली देश के बीच आधिकारिक बातचीत का अंश है। संघीय मंत्री असद उमर ने पत्रकारों से कहा है कि पाकिस्तान से कहा गया है कि अगर इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सफल होता है तो सब कुछ माफ कर दिया जाएगा, लेकिन इसकी विफलता से पाकिस्तान के लिए गंभीर परिणाम होंगे।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी राजनयिक को बताया गया कि पश्चिमी देश यूक्रेन मसले पर पाकिस्तान के रुख से संतुष्ट नहीं हैं। इन देशों के कुछ नेताओं का मानना है कि यूक्रेन संकट के प्रति पाकिस्तान का दृष्टिकोण वास्तव में इमरान खान की अपनी नीति है, देश की नहीं।
यह पूछे जाने पर कि पश्चिमी देश उनकी सरकार से क्यों नाराज हैं, पीएम ने कहा है कि वह किसी पश्चिमी देश के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कुछ विपक्षी नेता विदेशी राजनयिकों को उकसा रहे हैं।
पाकिस्तान मीडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अमेरिका में पूर्व राजदूत असद मजीद ने दक्षिण एशिया के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री के साथ बैठक के बाद विदेश कार्यालय को गुप्त पत्र भेजा था।
अमेरका ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में किसी भी तरह की संलिप्तता को साफ तौर पर खारिज कर दिया है। वाशिंगटन ने कहा है कि अमेरिकी संलिप्तता के आरोप निराधार हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव में अमेरिका के शामिल होने और पीएम इमरान खान को ‘धमकी पत्र’ देने के आरोप निराधार हैं। अमेरिका ने आगे कहा है कि सरकार पाकिस्तान में संवैधानिक प्रक्रिया का सम्मान करती है।
बता दें कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने हाल ही में एक रैली में कहा था कि उनकी सरकार के खिलाफ विदेश से साजिश रची जा रही है। उन्होंने हाथ में लिए एक चिट्ठी को दिखाते हुए कहा था कि इसी चिट्ठी में साजिश की बातें हैं लेकिन मैं इस चिट्ठी की बातें आपको नहीं बता सकता हूं। उन्होंने चिट्ठी की बातों को बिना बताए हुए कहा कि इसका मकसद पाकिस्तान के खिलाफ साजिश है क्योंकि मैंने आजाद विदेश नीति अपनाई है। पाकिस्तान की स्वतंत्र विदेश नीति को हटाने की कोशिश की जा रही है।