New Delhi – जमानत मिलने के बाद कैदियों को अब जेल से निकलने के लिए अदालत के आदेश का इंतजार नहीं करना होगा। अब रिहाई के आदेश की हार्ड कॉपी नहीं, बल्कि ई- कॉपी मिलेंगी। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने फास्ट एंड सिक्योर ट्रांसमिशन ऑफ इलेक्ट्रानिक रिका‌र्ड्स (FASTER) योजना लॉन्च की। इस सिस्टम के जरिए अदालत के फैसलों को इलेक्ट्रानिक तरीके से तेजी से भेजा जा सकेगा और उस पर तुरंत रिहाई की कार्यवाही हो सकेगी।
FASTER का कॉन्सेप्ट तब बना जब सुप्रीम कोर्ट के जमानत देने के बावजूद कैदियों को तीन-तीन दिन तक रिहा नहीं किया जा सकता था। इसके बारे में जब एक न्यूज रिपोर्ट सामने आई तो CJI ने संज्ञान लेकर नया सिस्टम बनाने निर्देश दिए थे।
इसके बाद देश के 19 राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उन्होंने अपनी जेलों को इंटरनेट सुविधा से लैस कर दिया है। यह सिस्टम आगरा सेंट्रल जेल में बंद 13 दोषियों के बेल ऑर्डर न मिलने के कारण रिहाई में देरी के बाद बनना शुरू हुआ।

 

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