उत्तरप्रदेश के पीलीभीत में 142 प्रधानों का चुनाव लड़ना मुश्किल होने वाला है। दरअसल एक हफ्ते में गबन की धनराशि जमा न करने वाले इन ग्राम प्रधानों को पंचायती राज एक्ट के तहत अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा जिसके।बाद ये आगामी पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। अगर प्रधानी का चुनाव लड़ता है तो एक हफ्ते में गबन की धनराशि को जमा करना होगा। डीएम पुलकित खरे ने जिले के 142 ग्राम प्रधानों को अंतिम नोटिस जारी कर दिया है।

दरअसल स्वच्छ भारत मिशन के तहत पीलीभीत की ग्राम पंचायतों में कूड़ादान रखे गए थे। इनमें से ज्यादातर ग्राम पंचायतों में प्रधान और सचिवों ने कूड़ेदान के नाम पर सरकारी धनराशि का दुरुपयोग किया। इसकी शिकायत मिलने के बाद तत्कालीन डीएम ने ब्लाकस्तरीय कमेटी गठित कर जांच कराई, जिसमें जिले के 164 ग्राम पंचायतों में ग्राम निधि- एक कूड़ेदानों के नाम पर गबन पाया गया था।

जिसके बाद 164 प्रधान और 40 सचिवों पर गबन की धनराशि निर्धारित कर रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया गया था, इसमें 22 ग्राम पंचायतों ने ब्याज के साथ धनराशि जमा कर दी थी, लेकिम 142 ने अभी तक जमा नहीं की, जबकि उनको कई बार रिमांडर भी भेजा जा चुका है, इसके बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इस पर मौजूदा डीएम पुलकित खरे ने सख्ती दिखाते हुए सभी ग्राम प्रधानों को अंतिम नोटिस जारी करते हुए एक हफ्ते में गबन की धनराशि जमा करने के निर्देश दिए।

डीएम पुलकित खरे ने बताया कि अगर एक हफ्ते में गबन की धनराशि जमा नहीं करते हैं तो पंचायत राज एक्ट मैनुअल की धारा 5 (क) के तहत सम्बंधित ग्राम प्रधानों को आगामी पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान पद या किसी भी प्रकार के ग्राम सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित करते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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