यूपी में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। एक ओर जहां प्रशासनिक स्तर पर काम चल रहा है तो वहीं चुनाव मैदान मेें उतरने वाले नेता भाी कमर कस चुके हैं। पोस्टर तैयार है, घर-घर जाकर संपर्क भी बढ़ा दिया है, लेकिन परिसीमन के बाद कुछ नेताओं का गणित गड़बड़ा गया है। कई गांवों को नगर निकाय में शामिल करने की बात सामने आ रही है ऐसे में अब वहां चुनाव की तैयार कर चुुके नेता मायूस है कि वह चुनाव ही नहीं लड़ पाएंगे,हालांकि उन्हें शासन स्तर से जारी होने वाली परिसीमन लिस्ट का इंतजार है।

वाराणसी, देवरिया, गोरखपुर, लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, नोएडा सहित ऐसे कई जिले हैं जहां कई गांव को नगर निकाय में शामिल किया गया है। अकेले  देवरिया में129 गांवों के प्रत्याशी परेशान हैं। कारण यह है कि उनकी ग्राम पंचायतों को नगर निकाय बनाने का प्रस्ताव भेज दिया गया है। इसमें 59 गांव शामिल हैं। बरवामीर छापर और पिंडी को नगर निकाय बनाने का प्रस्ताव अभी शासन में लंबित है। इसके अलावा रुद्रपुर नगर पंचायत में 16 गांव को जोड़कर नगर पालिका का स्वरूप दिया जाना है। नगर पालिका परिषद देवरिया में 30 और नगर पालिका परिषद गौरा बरहज में आठ गांवों को शामिल कर सीमा विस्तार का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। जिस पर एक या दो दिन के भीतर शासन से मुहर लगने की उम्मीद जताई जा रही है। नए नगर निकायों के गठन व सीमा विस्तार के लिए हो रहे उलटफेर के चलते 129 गांवों के चुनाव पर संशय बरकरार है। जिसे पंचायतराज विभाग भी दूर नहीं कर पा रहा। क्रिसमस, नए साल, खिचड़ी, गणतंत्र दिवस के मौके पर अब तक गांव की दीवारों पोस्टर, होर्डिंग से रंगीन करने वाले ग्राम प्रधान व बीडीसी के प्रत्याशी खामोश हैं। वह समझ नहीं पा रहे कि निकाय के चुनाव की तैयारी करें या नगरीय। इन्हें शासन के निर्देश का इंतजार है। मदनपुर में 17, तरकुलवा में 07, पथरदेवा में 08, हेतिमपुर में 09, बैतालपुर में 12, लक्ष्मीपुर में 06 गांव को नगर पंचायत में शामिल होने का प्रस्ताव है।

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