Disha Bhoomi

Chennai – श्रीलंका में अस्थिरता के हालात का असर भारत पर भी पड़ना तय माना जा रहा है। ऐसा अंदेशा है कि श्रीलंका से हजारों की तादात में शरणार्थी भारत आएंगे। इनके लिए तमिलनाडु के रामेश्वरम के मंडापम में कैंप बनाने शुरू कर दिए गए हैं। तमिलनाडु सरकार ने मौखिक आदेश जारी कर यहां आने वाले श्रीलंकाई तमिलों को रिफ्यूजी माना जाएगा।
तमिलनाडु सरकार का कहना है कि श्रीलंका के मौजूदा आर्थिक संकट और अस्थिरता के कारण भारत आने वाले तमिलों को रिफ्यूजी मानने का आदेश अंतरिम होगा, इस बारे में अंतिम आदेश केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा। तमिलनाडु सरकार का मानना है कि आने वाले दिनों में श्रीलंका से हजारों तमिलों के भारत आने की संभावना के चलते ये कदम उठाया गया है।
दरअसल, पिछले दिनों श्रीलंका से दो नावों में कुछ तमिल भारत आए थे। इन्हें विदेशी मानकर गिरफ्तार किया गया था। अब तमिलनाडु सरकार के नए आदेशों के बाद कोर्ट ने इन सभी को जमानत दे दी है। इन तमिलों को अब रिफ्यूजी कैंपों में रखा गया है। तमिलनाडु सरकार के शरणार्थी विभाग के आयुक्त जेसिंथा लाजरस ने दैनिक भास्कर से कहा कि श्रीलंका से आने वाले ज्यादातर लोग महिलाएं और बच्चे हैं, उनकी देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है।
मुसीबत में फंसे श्रीलंका में इस्तीफों का खेल भी हुआ। प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे और उनकी कैबिनेट के 26 मंत्रियों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को इस्तीफा सौंप दिया। महिंद्रा, गोटाबाया के बड़े भाई हैं। इनके भाई वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे और कृषि मंत्री चमाल राजपक्षे सहित महिंदा के बेटे खेलमंत्री नमाल राजपक्षे ने भी इस्तीफा दे दिया।
जनता में राजपक्षे कुनबे के खिलाफ भी गुस्सा है। गोटाबाया ने विपक्ष को सरकार में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है। सोमवार शाम को गोटाबाया ने चार मंत्रियों की नियुक्ति की। ये सभी राजपक्षे कुनबे के नहीं हैं।
श्रीलंका में विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश दिया- हमारी मदद करें। सामूहिक इस्तीफे जनता को धोखा देने के लिए ‘ड्रामा’ हैं।
श्रीलंका की आर्थिक तंगी के जिम्मेदार माने जा रहे सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजीत निवार्ड कबराल ने भी इस्तीफा दे दिया है। वे 7 माह पहले ही गवर्नर बने थे।
श्रीलंका के कोकुपाडयम की महिला डोरी का कहना है कि वह अपने परिवार के साथ 2009 में श्रीलंका लौट गई थी। हालात बिगड़े तो समुद्र की जानलेवा लहरों की परवाह किए बिना वे छोटी सी नाव में भारत पहुंची हैं। रामेश्वरम् में मछुआरों के संगठन के अध्यक्ष सेसुराजा का कहना है कि श्रीलंका से आने वाले तमिलों के खिलाफ मामले दर्ज नहीं किए जाने चाहिए।
तमिल रिफ्यूजी महिला शिवासन्कारी का कहना है कि श्रीलंका में 500 रुपए प्रति किलो चावल, चीनी 290 रु. किलो जबकि 400 ग्राम दूध पाउडर 790 रुपए का मिलता है। छोटे परिवार को खाने के लिए ही रोज लगभग ढाई हजार रुपए चाहिए। शिवासन्कारी कहती हैं कि हम जैसे दिहाड़ी मजदूरों के रोज 500 रुपए मिलते हैं। वहां रहते तो हम भूख से ही मर जाते।

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