दीपक पांडेय/खरगोन.मनुष्य को अपने जीवनकाल में शनि की साढ़े साती से गुजरना ही पड़ता है. शास्त्रों की मानें तो शनि की साढ़े साती तीन चरणों में आती है. अलग-अलग आयु में ढाई-ढाई साल तक इसे भोगना पड़ता है. शनि की साढ़े साती कुछ लोगों के लिए काफी फायदेमंद होती है तो कुछ के लिए नुकसानदायक होती है.
ऐसे में अगर आपकी कुंडली में शनि की साढ़े साती है. काम बनते-बनते बिगड़ जाते है. लाख कोशिश करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है तो ज्योतिषी के बताएं इन उपायों को अपनाकर शनिदेव के कुप्रकोप को कम कर सकते है. लेकिन इसके पहले जान लें शनि की साढ़े साती कब आती है.
दूर-दूर से आते है दर्शन करने –
मध्य प्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 85 Km दूर सनावद क्षेत्र में श्री सिद्ध शनि गजानंद शक्तिपीठ है. यहां शनिदेव शीला रूप में विराजमान है. मंदिर करीब 21 वर्ष पुराना है. महिमा ऐसी है की मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों से भी भक्त दर्शन के लिए आते है. शनिवार को यहां विशेष अनुष्ठान होते है. इसके अलावा शनि अमावस्या एवं शनि जयंती भी भव्य आयोजन होता है.
साढ़े साती के तीन चरण –
मंदिर के पुजारी पंडित संदीप बर्वे ने Local 18 से कहा कि शनि की साढ़े साती तीन चरणों में आती है. पहले चरण में किसी काम में मन नहीं लगता. रिश्तों में कमजोरिया आ जाती है. कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते है. स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है. दूसरे चरण में शनिदेव खूब मेहनत करवाते है. मेहनत का फल भी देते है. इस चरण में शनिदेव की कृपा रही तो व्यक्ति बुलंदियों को छू लेता है नहीं सड़क पर आने में भी देर नहीं लगती. वहीं तीसरे चरण में ज्यादा हानि नहीं होती है. बस थोड़ी बहुत समस्याएं आती है.
ज्योतिषी के बताए उपाय –
Local 18 से बातचीत में ज्योतिषी बताते है कि अगर किसी की कुंडली में शनि की साढ़े साती है. किसी कारण मनुष्य भगवान शनिदेव के कोप का भागीदार बन रहा है. या भगवान कुपित हो रहे है तो उस व्यक्ति को शनिवार के दिन यहां या फिर किसी भी शनि मंदिर में काले कपड़े में तेल, तिल, उड़द की पोटली बांधकर चढ़ाना चाहिए. इसके अलावा शनिदेव को कंबल चढ़ाने से भी शनिदेव के प्रकोप से निजात मिलती है.
.
Tags: Astrology, Latest hindi news, Local18, Madhya pradesh news, Religion 18
FIRST PUBLISHED : April 6, 2024, 18:53 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.