प्रतापगढ़. उत्तर प्रदेश में जहां एक ओर सूबे की सरकार महिला शक्ति अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर महिला के ऊपर पुलिसकर्मी ही अत्याचार कर रहे हैं. ताजा मामला प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज थाना क्षेत्र में सामने आया है. उप निरीक्षक वीरेंद्र त्रिपाठी और दो महिला आरक्षियों ने एक महिला को जमीन पर पटक-पटक कर पीटा है. रानीगंज कोतवाली के भागीपुर में रविवार को पुलिस ने गुड्डन नाम की महिला की जमकर पिटाई की है. वहीं, महिला का आरोप है कि जमीन का एक हिस्सा उसके पड़ोसियों ने दूसरे के हाथ बेच दिया है. विपक्षियों द्वारा उस जमीन पर निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन वह लोग बगल की जमीन पर भी अवैध निर्माण करा रहे हैं, जिसका उसने विरोध किया था.
महिला की माने तो उसका कुछ दिन पूर्व विपक्षियों से विवाद भी हुआ था. विपक्षी पीड़िता की जमीन पर दीवार बना रहे थे, जिसकी शिकायत उसने रानीगंज थाने में की थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर उसके भाई ने दीवार को तोड़ दिया था. रविवार को जब विपक्षी जमीन पर पुनः निर्माण करने लगे तो महिला ने मामले की शिकायत पुलिस से की. इसके बाद एक एसआई दो महिला पुलिसकर्मी के सात मौके पर पहुंच गया और उससे पूछताछ करने लगे. इसी दौरान महिला ने विपक्षियों पर आरोप लगाते हुए काम बंद करने की बात कही. इसी बात पर पुलिसकर्मी नाराज हो गए. उन्होंने घर में घुस कर गुड्डन की जमकर पिटाई कर दी.
एसआई ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ गुड्डन को बेदर्दी से पीटा है
कहा जा रहा है कि घर के आंगन में एसआई ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ गुड्डन को बेदर्दी से पीटा है. महिला को डंडे और लकड़ी के फट्टे से जम कर पिटा गया है. मामले का किसी ने वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर डाल दिया. वीडियो वायरल होते ही पुलिस की इस अमानवीयता की जम कर आलोचना होने लगी. वहीं, मामले में एसपी अनुराग आर्य का कहना है महिला सिपाही और पीड़ित महिला के बीच मारपीट हुई है. पर एसआई ने घटना को रोकने का प्रयास नहीं किया गया. इसके चलते पुलिस महकमे की छवि धूमिल हुई है. इसलिए दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया गया है. जबकि महिला सिपाहियों पर पहले पीड़ित महिला ने हमला किया था. आत्मरक्षा के लिए महिला पुलिसकर्मियों ने महिला पर बल प्रयोग किया गया. महिला द्वारा सिपाहियों को दांत काटकर जख्मी किया गया है. पूरे मामले की जांच एएसपी को सौंपी गई है.