Uttar Pradesh – विधानसभा चुनाव की सियासत अखिलेश यादव और शिवपाल को करीब ले आई। लेकिन नतीजों के साथ ही चाचा-भतीजे के बीच अनबन सार्वजनिक हो चुकी है। बुधवार को शिवपाल सिंह यादव यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए उनके 5 कालिदास मार्ग स्थित आवास पहुंचे। शिवपाल आवास में पीछे वाले रास्ते से दाखिल हुए। साढ़े 7 बजे 30 मिनट मुलाकात का वक्त तय था, हालांकि शिवपाल 7:20 बजे ही पहुंच गए थे। 7:55 बजे शिवपाल सीएम आवास से बाहर आए।
करीब 25 मिनट की उनकी मौजूदगी सियासी गलियारों में नए समीकरण को हवा दे गई। हालांकि प्रसपा खेमे ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया है। फिलहाल सपा के सहयोगी दलों की बैठक में शामिल न होकर शिवपाल अपने बागी तेवर दिखा चुके हैं।
अब सपा-प्रसपा के गठबंधन टूटने की कयास
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव के बीच सब कुछ सही नहीं चल रहा है। सपा और प्रसपा के बीच गठबंधन टूटने के कयास लगाए जाने लगे हैं। कह सकते हैं कि ये कहानी 29 मार्च से शुरू हुई। जब शिवपाल यादव सपा के सहयोगी दलों की बैठक में शामिल नहीं हुए।
सपा की इस बैठक के लिए शिवपाल को भी बुलाया गया था। बैठक में शामिल होने की जगह शिवपाल यादव इटावा के भरथना में आयोजित एक कथा समारोह में शामिल हुए। शिवपाल ने अलग से सतीश महाना के साथ विधायक के तौर पर यूपी विधानसभा की सदस्यता ली।
पढ़िए शिवपाल यादव की नाराजगी के 5 बड़े कारण
नेता विरोधी दल का पद नहीं मिला
विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया
बेटे को टिकट नहीं मिला
शिवपाल समर्थकों को टिकट नहीं मिला
अखिलेश यादव के व्यवहार से नाराज
शिवपाल के अपमान के आरोप लग चुके हैं..
प्रसपा की तरफ से शिवपाल यादव के अपमान का आरोप लगाया जा चुका है। पार्टी के प्रवक्ता अरविंद सिंह यादव कह चुके हैं कि शिवपाल यादव 29 मार्च को दिल्ली से इटावा आ रहे थे। इतने कम समय में वो मीटिंग में नहीं पहुंच सके। वो एक बड़े नेता हैं। उन्होंने सपा का समर्थन किया है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि उनके पास विकल्प नहीं हैं।
शिवपाल भी इटावा में कथा समारोह के दौरान जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने सपा के संरक्षक और अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव से भी दिल्ली में मुलाकात की है। राजनीति के एक्सपर्ट संकेत दे रहे हैं कि शिवपाल नई संभावनाएं तलाश रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव करीब हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से भी उनके अच्छे संबंध हैं।

 

 

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