Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: गरुड़ पुराण को हिंदू धर्म के प्रसिद्ध पुराणों में एक माना गया है, जोकि 18 महापुराणों में एक है. गरुड़ पुराण के अधिपति स्वयं भगवान विष्णु हैं और इसमें भगवान द्वारा बताया गया है कि, व्यक्ति को केवल जीवन में ही नहीं बल्कि मत्यु के भी उसके कर्मों के अनुसार फल की प्राप्ति होती है.

गरुड़ पुराण ग्रंथ व्यक्ति को अच्छे व पुण्य कर्म करने के लिए प्रेरित करती है. क्योंकि व्यक्ति द्वारा किए कर्म ही मृत्यु के बाद उसके साथ जाते हैं और इसके अनुसार, उन्हें स्वर्ग या नरक मिलता है. साथ ही गरुड़ पुराण कई गूढ़ रहस्यों के बारे में भी बताया गया है. इसमें मृत्यु के पहले मिलने वाले संकेत, मृत्यु के बाद आत्मा का सफर आदि कई चीजों के बारे में बताया गया है.

गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा को तीन प्रकार के मार्ग प्राप्त होते हैं और ये मार्ग उसे जीवन में किए गए कर्मों के अनुसार प्राप्त होते हैं. जानते हैं इन तीन मार्गों के बारे में और यमदूत कैसी आत्मा को किस मार्ग में लेकर जाते हैं.

  1. अर्चि मार्ग: गरुड़ पुराण में अर्चि मार्ग को उत्तम व सर्वोच्च बताया गया है. यह देव लोक और ब्रह्म लोक के लिए होता है. यह मार्ग ऐसे व्यक्ति की आत्मा को प्राप्त होता है, जिसने अपने जीवन में किसी तरह का पाप ना किया हो, झूठ न बोला हो, किसी का अहित न हो आदि. अर्चि मार्ग में जाने के बाद आत्मा को मोक्ष प्राप्त हो जाता है.
  2. धूम मार्ग: यह मार्ग पितृ लोक की यात्रा के लिए होता है. यह भी कहा जाता है कि यहां जाने वाली आत्मा स्वर्ग लोक का पुण्य भोगकर वापस इस संसार में लौट आती है.
  3. उतपत्ति विनाश मार्ग: इस मार्ग में नरक लोक की यात्रा होती है. इसे गरुड़ पुराण में सबसे खराब मार्ग बताया गया है. इस मार्ग में जीवात्मा को खतरनाक वैतरणी नदी को पार करना पड़ता है. इसे पार करने में उसे 47 दिन का समय लग जाता है और आत्मा के लिए ये 47 दिन बहुत ही कष्टकारी होते हैं.

ये भी पढ़ें: Vastu Tips: आमदनी अट्ठनी खर्चा रुपैया वाला है हाल, तो न करें पैसों से जुड़ी ये गलतियां

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *