हाइलाइट्स

राखी वाले दिन भद्रा सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू हो रही है.
भद्रा पूंछ शाम 05:30 बजे से शाम 06:31 बजे तक और भद्रा मुख शाम 06:31 बजे से रात 08:11 बजे तक है.

हर साल रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाते हैं. इसमें भी यह देखा जाता है कि उस दिन भद्रा न हो. यदि रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया है तो उस समय में बहनें भाई को राखी नहीं बांधती हैं. भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है. इस साल 2023 में रक्षाबंधन के त्योहार पर भद्रा का साया है. जिस समय से श्रावण पूर्णिमा तिथि शुरू हो रही है, उस समय से ही भद्रा भी लग रही है. ऐसे में रक्षाबंधन कब मनाया जाएगा और राखी कब बांधी जाएगी? केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि रक्षाबंधन कब है? राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है?

2023 में रक्षाबंधन का त्योहार
दृक पंचांग के अनुसार, इस साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर प्रारंभ हो रही है और इसका समापन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर हो रहा है. इस आधार पर साल 2023 में रक्षाबंधन 30 अगस्त बुधवार को मनाया जाएगा क्योंकि 31 अगस्त को सुबह में ही पूर्णिमा तिथि का लोप हो जा रहा है.

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रक्षाबंधन 2023 पर भद्रा का साया
इस साल 30 अगस्त को रक्षाबंधन पर भद्रा का साया है. राखी वाले दिन भद्रा सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू हो रही है और यह रात 09 बजकर 01 मिनट तक है. ऐसे में जब भद्रा खत्म होगी, तब राखी बांधा जा सकेगा. यह भद्रा पृथ्वी लोक की है, इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. भद्रा पूंछ शाम 05:30 बजे से शाम 06:31 बजे तक है और भद्रा मुख शाम 06:31 बजे से रात 08:11 बजे तक है.

रक्षाबंधन 2023 राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
30 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रात 09:01 बजे के बाद से है.

इस साल भी 2 दिन हो सकता है रक्षा बंधन
जिस प्रकार से भद्रा के कारण पिछले साल 2022 में दो दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया गया था, उसी तरह इस साल 2023 में भी दो दिन 30 अगस्त और 31 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जा सकता है.

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31 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
जो लोग 31 अगस्त को रक्षाबंधन मनाना चाहते हैं, उनके लिए सुबह में 07:05 बजे तक ही मुहूर्त है. उस दिन अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 05:42 बजे से 07:23 बजे तक है. 07:05 बजे श्रावण पूर्णिमा तिथि खत्म हो जाएगी. उससे पूर्व राखी बांध सकते हैं. इस दिन सुबह में सुकर्मा योग भी होगा.

रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है. दीवाली और होली के बाद यह तीसरा बड़ा त्योहार माना जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं. बदले में भाई अपनी बहन को उपहार और रक्षा का वचन देते हैं.

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