New Delhi –  हमारे लिए क्षेत्रीय सुरक्षा सबसे अहम हो गई है। पिछले 2 सालों की चुनौतियों का श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्ष ने बिम्सटेक का बेहतर नेतृत्व किया। आज के चुनौतीपूर्ण माहौल में से हमारा क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। हम अभी भी कोरोना का बुरा असर झेल रहे हैं। बिम्सटेक की स्थापना के 25वें साल पर यह सम्मेलन खास हो गया है।
ये बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को 5वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे। वे वर्चुअली इस सम्मेलन का हिस्सा बने।
पीएम मोदी ने कहीं ये बातें
यूरोप में हाल की घटनाओं ने अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के कायम रहने पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसलिए क्षेत्रीय सहयोग हमारी प्राथमिकता बन गई है। आज हम इसके लिए संस्थान की संरचना के डेवलपमेंट के लिए बिम्सटेक चार्टर को अपना रहे हैं।
भारत अपने ऑपरेशनल बजट को बढ़ाने के लिए (बिम्सटेक) सचिवालय को 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर देगा। (बिम्सटेक) सचिवालय की क्षमता को मजबूत करना जरूरी है। इसके लिए एक रोडमैप तैयार किया जाए।
नालंदा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की बिम्सटेक स्कॉलरशिप का विस्तार करने पर काम जारी है। हम क्राइम कंट्रोल के लिए आपसी कानूनी सहायता की संधि भी कर रहे हैं।
बंगाल की खाड़ी को कनेक्टिविटी और सिक्योरिटी का जरिया बनाने का समय आ गया है। मैं सभी बिम्सटेक देशों से आह्वान करता हूं कि वे 1997 में एक साथ हासिल किए गए लक्ष्यों को दोबारा पाने के लिए नए उत्साह से काम करें।
कोलंबो में हुई 18वीं बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक
शिखर सम्मेलन की तैयारी के लिए, बिम्सटेक के वरिष्ठ अधिकारियों (एसओएम) की बैठक 28 मार्च को हुई और उसके बाद 29 मार्च को बिम्सटेक विदेश मंत्रियों (बीएमएम) की बैठक हुई। बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation-BIMSTEC) एक रीजनल मल्टीलेटरल ऑर्गनाइजेशन है। इसके सदस्य बंगाल की खाड़ी के आस-पास के देश हैं। सदस्यों में बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड शामिल हैं।

 

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