मोदीनगर। तहसील क्षेत्र के गांव बिसोखर की लंकापुरी बस्ती में करीब 10 वर्ष से अधिक समय से एक दर्जन से अधिक परिवार ऐसे है जो आज तक बिना बिजली के अपना गुजारा कर रहे है। इतना ही नही अब वह यंहा से पलायन करने को मजबूर हो गयें है। बाबजूद इसके प्रशासन इनकी सूध लेने को तैयार नही है।
बताते चलें कि तहसील क्षेत्र के गांव बिसोखर की लंकापुरी बस्ती में करीब 10 वर्षो से भी अधिक समय से लगभग 15  परिवार बिना बिजली पानी के रहने को मजबूर हैं। वहां रहने वाले गरीब लोगों का कहना है कि कई बार बिजली विभाग व अपने क्षेत्र के नेताओं से गुहार लगाने के बाद भी आज तक उन्हें बिजली उपलब्ध नही हो पाई है। बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वहां रहने वाले लोग अपने यहां का एस्टीमेट बनवाकर उसका पैसा बिजली विभाग में जमा करें तो ही उन लोगों को बिजली दी जा सकती है, अन्यथा नहीं, वहीं लोगों का कहना है कि तकरीबन दो साल से कोरोना चल रहा है, और इस कोरोना काल में खाने पीने तक के लाले पडें हुए हैं, परिवार पालना ही मुश्किल हो रहा है। तो ऐसे में वो लोग लाखों रुपये बिजली विभाग को कहां से दें। कालोनी में रहने वाले लोग स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी जमकर कोस रहे है।
लंकापुरी बस्ती में रहने वाले दर्जनों परिवार बिजली न होने के कारण बीमारी का शिकार हो रहे हैं। इससे आहत होकर यंहा रहने वाले परिवार अब यहां से पलायन को मजबूर हो रहे हैं। ऐसा नहीं है कि बस्ती में बिजली की लाईन नहीं है, बस्ती में बिजली की लाईन भी है खम्बे भी लगे है, और बिजली भी चालू है, लेकिन इन गरीब के घरों में बिजली की आपूर्ति नही है। प्रदेश सरकार की सौभाग्य योजना को यंहा के अधिकारी जमकर पलीता लगा रहे है। जिसका प्रमाण लंकापुरी बस्ती में देखा जा सकता है, जहां दर्जनभर से अधिक परिवार बिन बिजली गुजारा करने को मजबूर है।
Disha Bhoomi

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