Udaipur मरुधरा के दक्षिणी हिस्से वागड़ में माही जलतंत्र के चलते क्षेत्र में हरियाली की सौगात है। उधर, राजस्थान का चेरापूंजी कहे जाने वाले बांसवाड़ा जिले के सरहदी इलाके में इन दिनों 48° से अधिक तापमान के कारण सूखे के हालात हैं। MP बॉर्डर से लगे प्रदेश के अंतिम गांवों में लू व भीषण गर्मी समेत तिहरी परेशानी खुद के लिए पेयजल के साथ पशुओं के लिए भी पानी जुटाने की चुनौती है।
जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर छोटी सरवां पंचायत के हालरापड़ा गांव में। आसपास के 100 से ज्यादा परिवारों के 500 लोग पानी के लिए गड्ढे खोदते नजर आते हैं। जमीन में बहती तेलनी नदी का पानी यहां झीरी (गड्ढे) में इकठ्ठा हो जाता है, वही इनका सहारा है।
पिछले 3 महीने से परेशान हैं गांव वाले
कुशलगढ़ तहसील के बिजोरी, पेरनियादेव और कनजिया समेत अन्य गांवों में पेयजल का संकट मार्च में ही शुरू हो जाता है। गर्मी और जल संकट से ग्रामीण पिछले 3 माह से परेशान हैं और अब बेसब्री से मानसून का इंतजार कर रहे हैं।

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