Paush Amavasya 2022 Date Time: पौष अमावस्या 23 दिसंबर 2022 को है, ये इस साल की आखिरी अमावस्या होगी. तीर्थ स्नान, दान, पितरों की शांति के लिए अमावस्या तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. पौष माह की अमावस्या पर पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए किए गए कुछ खास कार्य जल्द शुभ परिणाम देते हैं.
हिंदू धर्म में पौष महिना सूर्य को समर्पित है. अमावस्या तिथि के स्वामी पितर हैं और पौष माह को छोटा पितृपक्ष कहा जाता है. ऐसे में पूवर्जों का आशीर्वाद पाने के लिए साल की आखिरी अमावस्या पर कुछ खास उपाय जरूर करें. पितर प्रसन्न हों तो उनके वंशज पर कभी संकट नहीं आता, मानसिक, शारीरिक और आर्थिक तौर पर जीवन खुशहाल रहता है. आइए जानते हैं पौष अमावस्या स्नान मुहूर्त, क्या दान करें.
पौष अमावस्या 2022 मुहूर्त (Paush Amavasya 2022 Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष अमावस्या तिथि 22 दिसंबर 2022 को शाम 07 बजकर 13 मिनट पर आरंभ होगी. 23 दिसंबर 2022 को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर पौष माह की अमावस्या तिथि का समापन होगा.
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- स्नान-दान मुहूर्त – सुबह 05:24 – सुबह 06:18
- अभिजित मुहूर्त – दोपहर 12:05 – दोपहर 12:47
पौष अमावस्या पूजा विधि (Paush Amavasya Puja vidhi)
- पौष अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में तीर्थ स्थल पर स्नान करने का विधान है, ये संभव न हो तो घर में गंगाजल या पवित्र नदी का जल पानी में डालकर नहाएं.
- स्वच्छ वस्त्र धारण करें और तांबे के लौटे से सूर्यदेव को जल अर्पित करें. इस दौरान ये मंत्र बोलें – ऊँ खगाय नम:, ऊँ भास्कराय नम:, ऊँ रवये नम:
- पितरों के निमित्त तर्पण करने के लिए हाथ में जल, जौ, काला तिल, फूल, लेकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करें. अब ओम आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तु जलान्जलिम मंत्र बोलते हुए अंगूठे और तर्जनी के मध्य भाग से जल छोड़े.
- दोपहर के समय पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं और शाम को यहां पितरों के नाम घी का दीपक लगाएं. इस दिन गरीब और असहाय लोगों को धन, अन्न, वस्त्र का दान करें.इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है.
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