Modinagar मोदीनगर का कुख्यात बदमाश राकेश उर्फ काले बीते 12 साल में हत्या, गैंगस्टर व जानलेवा हमले के छह मामलों में बरी हो चुका है। दो दिन पहले वह भाई की हत्या में बरी होने से पहले कुख्यात विजय फफराना की हत्याकांड में भी साक्ष्यों के अभाव में अदालत से बरी हो चुका है।
मोदीनगर के गांव बेगमाबाद के रहने वाले राकेश उर्फ काले पर हत्या, जानलेवा हमले व कारोबारी से रंगदारी मांगने के 11 मुकदमे दर्ज हैं। इसमें हत्या जैसे जघन्य अपराध के पांच मुकदमे हैं। इनमें से तीन मुकदमों में वह अदालत से बरी किया जा चुका है। सगे भाई राजकमल की 2020 में मोदीनगर में हुई हत्या के मामले में जिला अदालत से 8 जुलाई को बरी हो चुका है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अशोक शर्मा ने बताया कि राकेश उर्फ काले इससे पहले 2019 में मोदीनगर के ही कुख्यात विजय फफराना हत्याकांड के मुकदमे में भी साक्ष्य के अभाव में बरी हो गया था। वर्ष 2018 में निवाड़ी थाना क्षेत्र में विजय फफराना की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। फफराना हत्याकांड में पुलिस की विवेचना में राकेश उर्फ काले का नाम शामिल किया गया था। राकेश उर्फ काले पर वर्ष 2010 में मोदीनगर में हुई एक हत्या में पहली बार मुकदमा दर्ज हुआ था। करीब डेढ़ साल तक अदालत में सुनवाई होने के बाद वर्ष 2012 में इस हत्याकांड में राकेश को अदालत ने बरी कर दिया था। अधिवक्ता ने बताया कि राकेश पर वर्तमान में गाजियाबाद के नवयुग मार्केट में हुई एक हत्या के मामले में शहर कोतवाली का भी एक मुकदमा लंबित है। जबकि मोदीनगर क्षेत्र के एक हत्याकांड में मुकदमा विचाराधीन है। नवंबर 2020 से डासना जेल में बंद राकेश पर हाल ही में मोदीनगर के एक शिकंजी कारोबारी से रंगदारी नाम मांगने का मामला सामने आया था, इस संबंध में भी मोदीनगर थाने में मुकदमा दर्ज है।
जानलेवा हमले और गैंगस्टर के तीन मामले में बरी
अदालत में मुकदमे की पैरवी करने वाले अधिवक्ता अशोक शर्मा ने बताया कि राकेश पर जानलेवा हमले के दो मुकदमे में अदालत से बरी हो चुका है। रेडीमेड गारमेंट के एक शोरूम के मालिक पर जानलेवा हमले के मुकदमे में उसे आरोपी बनाया गया था। इसी अवधि में गैंगस्टर के एक मामले में पुख्ता साक्ष्य के अभाव में बरी हो चुका है।

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