नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड के आरोपी एक पुलिस इंस्पेक्टर बी.पी. सिंह को बुधवार को गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने बरी कर दिया। अदालत ने आरोपी के खिलाफ पुख्ता साक्ष्यों और गवाही के आधार पर यह आदेश जारी किए।
सीबीआई ने निठारी कांड के तत्कालीन दारोगा पर बच्चियों के लापता होने पर देरी से कार्रवाई करने का आरोप लगाया था। आरोपी दारोगा अभी इंस्पेक्टर हैं। आरोप पत्र में आरोपी बनाए जाने के बाद से विशेष अदालत में उनके खिलाफ कई साल से मुकदमा चल रहा था। बचाव पक्ष के वकील नवीन त्यागी ने बताया कि नोएडा के निठारी कांड का खुलासा 29 दिसंबर 2006 को हुआ था।
सीबीआई ने बच्चियों के लापता होने और हत्या कर शव छुपाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया था। छानबीन के बाद डी-5 कोठी मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार करके सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया था। आरोप था कि इन लोगों ने मासूम और नाबालिग बच्चियों का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी और फिर शवों को क्षत-विक्षत कर नाले में फेंका गया था।
वकील ने बताया कि अदालत में घटना से संबधित गवाहों के बयान के आधार पर सीबीआई की विशेष अदालत की तत्कालीन विशेष न्यायाधीश रमा जैन ने निठारी चौकी के तत्कालीन चौकी प्रभारी बी.पी. सिंह को भी आरोपी बनाया था। बी.पी. सिंह पर गायब बच्चियों के परिजनों की शिकायत मिलने के बावजूद रिपोर्ट दर्ज करने में देरी करने का आरोप था। यह भी आरोप लगा था कि इन्होंने आरोपियों से रिश्वत लेकर बचाव करने का प्रयास किया था। विवेचना के बाद 13 नवंबर 2007 को सीबीआई की अदालत में बी.पी. सिंह के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया गया। विशेष अदालत में 14 गवाह पेश किए गए थे। बुधवार को अदालत ने इस मामले में अंतिम सुनवाई के बाद आरोपी बी.पी. सिंह को बरी करने के आदेश दिए।