किसान कश्मीर सिंह ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि मेरा अंतिम संस्कार मेरे पोते-बच्चे के हाथों यहीं दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर होना चाहिए। उनका परिवार बेटा-पोता यहीं आंदोलन में निरंतर सेवा कर रहे हैं। यूपी पुलिस ने अब सुसाइड नोट अपने कब्जे में ले लिया है। कश्मीर सिंह ने अपनी आत्महत्या के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने लिखा है कि आखिर हम कब तक यहां सर्दी में बैठे रहेंगे। इसका कारण आंदोलन के मद्देनजर इस सरकार को फेल होना बताया है और कहा है कि यह सरकार सुन नहीं रही है इसलिए अपनी जान देकर जा रहा हूं।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता आज सिंघु बॉर्डर पर बैठक करेंगे जिसमें सरकार के साथ होने वाली अगली बातचीत और आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। इसके बाद किसान नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और अपनी आगे की रणनीति और बैठक में क्या तय हुआ इसके बारे में बताएंगे।

यूपी गेट यानी गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के 38वें दिन फ्लाईओवर के नीचे शौचालय में एक बुजुर्ग किसान ने आत्महत्या कर ली। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को फंदे से उतारा गया। मृतक किसान की पहचान कश्मीर सिंह (75) निवासी बिलासपुर, उत्तराखंड के रूप में हुई है। मृतक किसान के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह सुसाइड नोट पंजाबी में लिखा है जिसका अनुवाद कराया जा रहा  है।

दिल्ली में आज भी बीते 37 दिनों की तरह किसान आंदोलन के चलते सिंघु, औचंदी, पियाऊ मनियारी, सबोली, मंगेश, चिल्ला, गाजीपुर, टीकरी और धांसा बॉर्डर बंद हैं। इन रास्तों से जाने वाले लोगों को सलाह है कि वह वैकल्पिक मार्गों का ही इस्तेमाल करें।

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