Modinagarरैपिड ट्रेन के वायडक्ट का निर्माण कार्य करने के दौरान मंगलवार की सांय को सेगमेंट गिरने की घटना में दोहरी लापरवाही सामने आई है। सेगमेंट को ऊपर चढ़ाने का कार्य रात में किया जाता है, लेकिन यह कार्य दिन में ही कराया जा रहा था, दूसरी तरफ सेगमेंट को ऊपर चढ़ाने में प्रयोग की जाने वाली लांचिग गैलेंट्री (क्रेन) को चेक करने में लापरवाही की गई, जिस कारण न केवल क्रेन का तार बल्कि हुक भी टूट गया और लगभग 55 टन वजन का सेगमेंट धड़ाम से नीचे जा गिरा। सेगमेंट ऊपर चढ़ाने का काम आमतौर पर ट्रैफिक को रोककर रात में किया जाता है।
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अधिकारी निर्माण कार्य के दौरान हुए इस हादसे को सामान्य प्रक्रिया बता रहे हैं, लेकिन गनीमत थी, कि जिस जगह सेगमेंट गिरा वहां कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। प्रत्यक्षदर्शी आकाश शर्मा ने बताया कि जैसे ही धड़ाम की आवाज हुई उस वक्त वहां निगरानी के लिए अवर अभियंता तक मौजूद नहीं था। उनका कहना है कि एनसीआरटीसी के टेस्टिग के दौरान हुए हादसे वाले तर्क में भी दम नहीं है।
जानलेवा साबित हो सकती थी लापरवाही
रैपिड ट्रेन के लिए वायडक्ट का निर्माण कार्य करने के दौरान एनसीआरटीसी की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती थी। गाजियाबाद से लेकर मोदीनगर, मुरादनगर व मेरठ तक एनसीआरटीसी निर्माण कार्य करा रहा है। दोनों तरफ लोहे की सेफ्टी वाल लगाई गई हैं। लेकिन जहां भी यू-टर्न के लिए कट दिए गए हैं, अधिकांश जगहों पर दिशा सूचक तक नहीं लगे हैं। इन कटों पर रात्रि में राहगीरों की सुविधा के लिए प्रकाश की भी व्यवस्था नहीं है। यही वजह है कि अचानक से वाहन चालकों के आमने सामने आने से हादसे भी हो चुके हैं। इतना ही नहीं, पिछले दिनों वहां भी एनसीआरटीसी ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया, जहां पर सड़क चैड़ीकरण नहीं हुआ था। इसी वजह से जाम की स्थिति भी बनी रही।
घटना स्थल पर निरीक्षण के लिए पहुंची टेक्निकल टीम
सेगमेंट गिरने की घटना के बाद एनसीआरटीसी की टेक्निकल टीम घटना स्थल पर पहुंची। उन्होंने क्रेन की स्थिति और तार के बाद सेगमेंट को भी चेक किया। हादसे के वक्त वहां तैनात कर्मचारियों से बात की। निर्माण कार्य में लगे सभी स्टाफ की बैठक भी बुलाई गई। हिदायत दी, कि सेगमेंट को ऊपर चढ़ाने का काम दिन में ना किया जायें। इतना ही नही हाइसे के लिए जिम्मेदारों के विरूद्व एक उच्च कमेटी की जांच भी बैठायें जाने की बात कही गई है। इस संबन्ध में एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्य का कहना है कि परीक्षण के दौरान एनसीआरटीसी द्वारा की गई बैरिकेडिग के अंदर हादसा हुआ है। दिल्ली मेरठ रैपिड ट्रेन कारिडोर पर मंगलवार को 24 वीं लांचिग गैलेंट्री लगाई गई थी, जिसकी भार क्षमता को चेक किया जा रहा था। यह कार्य कास्टिग यार्ड में नहीं किया जा सकता था। हादसे को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। जिससे कि आमजन को परेशानी न हो। हादसे की वजह की जानकारी जांच टीम की रिपोर्ट से सामने आएगी। उधर, एसडीएम शुभांगी शुक्ला कहती है कि प्रकरण का संज्ञान लेकर एनसीआरटीसी के उच्चाधिकारियों से बात की है और गंभीरता से काम करने के लिए कहा गया है।

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