श्मशान हादसे के पांचों आरोपियों को डासना जेल से लखनऊ शिफ्ट कर दिया गया है। इनके खिलाफ एसआईटी पहले ही लखनऊ में मुकदमा दर्ज कर चुकी है। अब मामले का फास्ट ट्रायल लखनऊ में ही होगा। इसी के साथ दस दिन से गाजियाबाद में डेरा डालकर बैठी एसआईटी भी वापस लौट गई है।
एसआईटी के अधिकारियों ने बताया कि मौका मुआयना के दौरान आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं। इन सबूतों के दम पर जल्द ही लखनऊ की अदालत में चार्जसीट पेश की जाएगी। चूंकि मामले का फास्ट ट्रायल होना है और मुकदमा पहले ही लखनऊ में एसआईटी के अपने थाने में दर्ज हो चुका है। इसलिए ट्रायल होने तक आरोपियों को यहां रखने का कोई औचित्य नहीं रह गया था। ऐसे में बीते शनिवार को एसआईटी ने यहां की जांच पड़ताल पूरी करने के बाद डासना जेल से आरोपियों को लेकर लखनऊ रवाना हो गई। शनिवार को ही सभी आरोपियों को लखनऊ की अदालत में पेशकर जेल में दाखिल करा दिया गया था।
मुकदमे को प्रभावित करने की थी आशंका
डासना जेल में रहते हुए आरोपी अपनी पहुंच के दम पर मुकदमे को प्रभावित कर सकते थे। एसआईटी के अधिकारियों को आशंका थी कि इस मामले में राजनीति भी हो सकती है। इसलिए एसआईटी ने अदालत में आरोपियों के लखनऊ जेल में शिफ्ट कराने के लिए कोर्ट में आवेदन किया था। कोर्ट की मंजूरी मिलते ही इन्हें लखनऊ ले जाया गया है।
जेल में भी बना ली थी पैठ
एसआईटी के अधिकारियों के मुताबिक डासना जेल में रहते हुए आरोपियों ने एक डॉक्टर से साठगांठ कर ली थी। इसके बाद डॉक्टर के माध्यम से ही कुछ लोग इनसे मिलने भी पहुंचे थे। इसकी जानकारी होने पर एसआईटी ने जेल प्रबंधन के समक्ष आपत्ति भी जताई थी। बताया जा रहा है कि इस आपत्ति के बाद ही उक्त डॉक्टर को जेल से कहीं अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया है। जेल प्रबंधन ने डॉक्टर के स्थानांतरण की तो पुष्टि की है, लेकिन आरोपों पर टिप्पणी करने से मना कर दिया है।