मोदीनगर। अखाड़ा महाराजा सूरजमल की ओर से प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी शस्त्र पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
गांव रोरी में सर्व प्रथम हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। बाद में शस्त्रों का मंत्रो द्वारा उच्चारण कर पूजन किया गया। सभी ने अपने अपने शस्त्रों को कलावा बांधा और हल्दी, रोली से तिलक किया। पूजन उपरांत सभी वक्ताओं ने अपने अपने विचार रखे। बाबा परमेन्द्र आर्य ने कहा जिस तरह से सुहागिन स्त्रियां अपने गहनों से लगाव रखती है व गहनों से सजीधजी रहतीं हैं। उसी तरह से वीर पुरूषों को हथियारों से लैस रहना चाहिए व हथियारों को अपने शरीर का अंग समझना चाहिए। प्रत्येक नागरिक को अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा करने का अधिकार है और सुरक्षा शस्त्रों के बल पर होती है। इसलिए सभी शस्त्रों के चलाने का प्रशिक्षण भी लेना चाहिए। त्रेतायुग मे विजय दशमी के दिन ही रामचंद्र भगवान ने उस समय के दुर्दांत राक्षस रावण का वध किया था। नीरज कौशिक ने अपने सम्बोधन में कहा प्राचीन काल में शस्त्र पूजन सभी मंदिरों में प्रत्येक नगर व गांव में होता था, लेकिन  हिन्दू समाज ने अब शस्त्र पूजन करना छोडा दिया है जो बहुत ही गलत है। महाराजा सूरजमल अखाड़ा द्वारा शस्त्र पूजन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यही है कि प्रत्येक हिन्दू के घर में हथियार हो और हिन्दू समाज शक्तिशाली बने। सतेन्द्र तोमर  ने कहा जिस तरह से किसान अपने कृषि यंत्रों की देखभाल करते हैं उसी तरह से हमें अपने शस्त्रों को जांच परख करते रहना चाहिए। ममता चैधरी ने कहा आदि काल में महिषासुर नामक राक्षस को मां दुर्गा ने आज ही के दिन मारा था और इस संसार को संदेश दिया था, कि जब भी नारी के बच्चों या परिवार के किसी भी सदस्यो पर राक्षस हमला करेगा। तो नारी मां दुर्गा भवानी बनकर अपने परिवार की सुरक्षा करेंगी।  कार्यक्रम में राणा राम नारायण आर्य, मनोज कुमार, रविन्द्र राणा, डब्बू, सचिन तेवतिया, दीपक चैधरी, प्रविन गुप्ता, उषा चैधरी, सुमन चैधरी, कविता चैधरी   आदि उपस्थित रहे।

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