मोदीनगर। सुहागिनों का महापर्व करवा चैथ अब की बार कई शुभ संयोग के साथ होगा। सभी योगों में श्रेष्ठ शिवयोग सुहागिन महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला होगा। साथ ही रविवार का दिन होने से इस पर्व की महत्व ज्यादा बढ़ गया है।
करवा चैथ के दिन सुहागिन प्रात काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सरगी खा कर के व्रत आरंभ करती हैं। पूरे दिन निर्जला निराहार रहकर रात को चंद्रमा देखकर चंद्रमा को अघ्र्य देकर व्रत संपन्न करती हैं। मनोवांछित वर प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्या भी इस व्रत को करती हैं।
करवा चैथ विशेष मंत्र
रात के समय चंद्रमा को जल अर्पण के दौरान यह मंत्र जाप करना चाहिए। मंत्र है, सौम्यरूप महाभाग मंत्रराज द्विजोत्तम, मम पूर्वकृतं पापं औषधीश क्षमस्व मेण् जिसका मतलब है मन को शीतलता पहुंचाने वाले, सौम्य स्वभाव वाले ब्राह्मणों मे श्रेष्ठ, सभी मंत्रों एवं औषधियों के स्वामी चंद्रमा मेरे द्वारा पूर्व के जन्मों मे किए गए पापों को क्षमा करें। मेरे परिवार मे सुख शांति का वास हो।
राशि के अनुसार पहनें वस्त्र
मेषः बैंगनी या लाल
वृषः चमकीला सफेद
मिथुनः पीला
कर्कः पीला सफेद
सिंहः गुलाबी
कन्याः नारंगी या लाल
तुलाः हल्का नीला
वृश्चिकः नारंगी और सफेद
धनुः पीला या हरा
मकरः चमकीला नीला
कुंभः हल्का नारंगी या गुलाबी
मीनः हरा, पीला या पिकाक कलर
करवा चैथ पूजा का शुभ मुहूर्त
अंग्रेजी कैलेंडर का माह अक्टूबर है। इस माह में अखंड सौभाग्य की कामना का व्रत करवा चैथ आता है, जो उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों में सुहागन और कुंवारी युवतियां विधि विधान से रखती हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसारए करवा चैथ व्रत हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। चतुर्थी तिथि में चंद्रमा का उदय होना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस व्रत में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पति के हाथों पारण किया जाता है। तभी व्रत को पूर्ण मानते हैं। करवा चैथ के दिन माता पार्वतीए भगवान शिव, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा करने का विधान है। करवा चैथ का व्रत निर्जला रखा जाता है।
हिन्दी पंचांग के अनुसारए कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 24 अक्टूबर दिन रविवार को प्रात 03 बजकर 01 मिनट पर हो रहा है। चतुर्थी तिथि का समापन अगले दिन 25 अक्टूबर दिन सोमवार को प्रात 05 बजकर 43 मिनट पर हो रहा है। चतुर्थी तिथि में चन्द्रोदय व्यापिनी मुहूर्त 24 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है, इसलिए करवा चैथ व्रत 24 अक्टूबर दिन रविवार को रखा जाएगा।
करवा चैथ 2021 पूजा मुहूर्त
इस वर्ष करवा चैथ पूजा का मुहूर्त 01 घंटा 17 मिनट का है। आप करवा चैथ के दिन शाम को 05 बजकर 43 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट के मध्य चैथ माता यानी माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय का विधिपूर्वक पूजन कर लें। इसके बाद चंद्रमा के उदय होने पर उनकी पूजा करें और अर्घ्य दें। पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करें। उसके बाद पति के हाथों जल ग्रहण करके व्रत का पारण करें। पारण से ही व्रत पूरा होता है।
करवा चैथ 2021 चन्द्र अर्घ्य का समय
इस साल करवा चैथ के दिन चंद्रमा के उदय होने का समय रात 08 बजकर 07 मिनट पर है। आप रात 08.07 बजे चंद्रमा की पूजा करें और फिर दूधए अक्षत्ए पुष्प मिश्रित जल से चंद्रमा को अर्घ्य दें।