मोदीनगर। गांव कादराबाद में पिछले दिनों एक व्यक्ति को मृत दिखाकर उसकी जमीन किसी दूसरे के नाम करने के मामले में अब डीएम राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर लेखपाल व राजस्व निरीक्षक को एसडीएम ने निलंबित कर दिया है। वहीं, दोनो के खिलाफ जांच भी बैठा दी गई है। तहसीलदार न्यायिक देवेंद्र मिश्रा जांच में लेखपाल, राजस्व निरीक्षक दोषी मिलने पर हुये निलंबित की जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
बताते चले कि गांव बिसोखर निवासी जयभगवान की कादराबाद में करीब छह बीघा कृषि भूमि है। उनकी जमीन आबादी से सटी हुई है। इसकी कीमत करोड़ों में है। उनको मृत दर्शाकर उनकी जमीन को एक गुलशन नाम के व्यक्ति को बतौर वारिस दर्ज कर दिया गया। जमीन के कुछ हिस्से का गुलशन ने तीसरे व्यक्ति को बैनामा व इकरारनामा भी कर दिया। इसका पता चलने पर जयभगवान ने आपत्ति दर्ज कराई । इस मामला को लेकर हुई बैठक में डीएम ने मोदीनगर तहसील के भूःमाफियाओं की कुंडली खंगालनी भी शुरू, कर दीहै। जिसके बाद ऐसे लोगों व सहयोगियों में हड़कंप मचा हुा है। सरकारी जमीन पर कब्जा कराने में लेखपालों के कारनामे उजागर होने शुरू हो गये है। गांव रोरी, गांव सीकरीकला, गांव सीकरीखुर्द, बेगमाबाद आदि में लेखपालों की मिलीभगत से दर्जनों स्थानो पर भूःमाफियाओं ने दर्जनों कालोनियां काटी है, ओर सरकारी जमीन को खुर्दबुर्द किया है।
निवाडी रोड पर बेगमाबाद की बिजली विभाग को आंवटित भूमि बेची गयी है, वही एक काॅलोनाईजर ने इसी गांव की सात बीघा भूमि निवाडी रोड पर कब्जा कर कालोनी काट दी है। इसी क्रम में हाल ही में गांव रोरी निवासी बिजेंद्र सिंह ने डीएम को शिकायत देते हुए आरोप लगाया है कि लेखपाल की मिलीभगत से सरकारी जमीन पर दबंगों का कब्जा कराया जा रहा है। लगातार इसकी शिकायत तहसील के अधिकारियों से की जा रही है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। यह भी आरोप है कि इसके बदले आरोपितों ने लेखपाल को धनराशि दी है। डीएम ने प्रकरण की जांच कराकर उचित कार्रवाई कराने का भरोसा दिया है। वहीं, राजस्व निरीक्षक व लेखपाल की भूमिका की जांच तहसीलदार न्यायिक को सौंप दी। बताया जा रहा है कि लेखपाल के खिलाफ मिलीभगत के पर्याप्त साक्ष्य जांच अधिकारी को मिले हैं, ऐसे में उनकी मुश्किलें बढने वाली हैं। वहीं, पीड़ित जयभगवान ने बताया कि मामले में पुलिस ने अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की है।
मोदीनगर के प्रोपटी डीलरो में से कुछ भूःमाफियाओं ने लेखपालों की मिलीभगत से सिंचाई विभाग तक की भूमि बेच दी है। रजवाहे की पटरी पर बिना एनओसी पुलिया बनाकर अवैध कालोनियों के रास्ते बना दिये ओर तो ओर रजवाहे तक की भूमि को बेच डाला। ये लेखपाल सरकारी नाली, चकरोड के रास्ते पर काॅलोनाइजर को कब्जा कराकर अवैध वसूली के साथ ही प्लाट भी कब्जा लेते है। मठाधीश बने तहसील के इन लेखपालांे के कारनामे जगजाहिर होने पर हाल ही एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास ने शिकंजा कसा है। अब देखना यह है कि ओर जांच के दायरे में आने वाले चिन्हिंत हुये कितने लेखपालांे के खिलाफ कार्यवाही होती है।