मोदीनगर। परीक्षा का भूत ऐसा होता है कि उसकी टेंशन हर किसी के माथे पर पसीना ला ही देती है। चाहें विद्यार्थी हों या गुरुजी हर किसी को परीक्षा से टेंशन तो होती ही है। परीक्षा देने की टेंशन विद्यार्थियों में तो उसको सफलतापूर्वक व नकलविहीन संपादित कराने की टेंशन गुरुजी को होती है। कोरोना काल में विद्यार्थियों को तो परीक्षा के भूत से बचा लिया गया। संक्रमण के खतरे के चलते परीक्षाएं निरस्त कर प्रमोट प्रक्रिया अपनाई गई। मगर अब परीक्षा की बारी गुरुजी की है और कोरोना संक्रमण भी कम हो गया है। साथ ही ये परीक्षा ऑनलाइन माध्यम से कराई जानी है, जिसने तमाम गुरुजनों के माथे पर पसीना ला दिया है।
ऑनलाइन परीक्षा कराने की हो रही व्यवस्था
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों में पाठ्यक्रम के प्रति रुचि जागृत करने के उद्देश्य से उनकी ऑनलाइन परीक्षा कराने की व्यवस्था की जा रही है। ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी परीक्षा के जरिए उनको बदलते पाठ्यक्रम व नए कोर्स के बारे में अपडेट किया जाएगा। हर ब्लॉक के शिक्षकों को यह परीक्षा देना अनिवार्य भी किया गया है। हालांकि इस परीक्षा का उनकी सेवाओं से कोई मतलब नहीं होगा। न ही इसको इंक्रीमेंट या प्रमोशन का आधार बनाया जाएगा। ये कवायद शिक्षकों को अपडेट रखने की पहल है। अभी कोरोना काल के चलते स्कूलों को बंद रखा गया है। स्कूल खुलने पर इसकी व्यवस्था होगी। शिक्षकों को मिशन प्रेरणा के तहत हस्त पुस्तिका, आधारशिला, ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह उपलब्ध कराई गई थी। इसमें पूरे सिलेबस को क्रमवार पूरा कराने तक का चरणबद्ध तरीके से जिक्र किया गया है। इन्हीं सिलेबस की जानकारी से जुड़े सवाल ऑनलाइन माध्यम से पूछे जाएंगे। तमाम शिक्षकों ने परीक्षा के लिए अभी से तैयारी भी करनी शुरू कर दी है। वहीं कुछ शिक्षकों को परीक्षा के नाम से ही पसीने भी आ गए हैं। इसके विरोध में भी सुर उठने लगे हैं। विरोध जताने वाले शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन परीक्षा का विरोध इसलिए है कि तमाम शिक्षक रिटायरमेंट के करीब हैं, जिनको ठीक से एंड्रायड फोन चलाना नहीं आता, वे ऑनलाइन परीक्षा कैसे देंगे। शिक्षकों को अपडेड करना ठीक है लेकिन इस प्रक्रिया के तहत नहीं।
खण्ड शिक्षा अधिकारी अनीता गुप्ता ने कहा कि बदले पाठ्यक्रम के प्रति शिक्षक अपडेट होंगे तो शिक्षण का स्तर सुधरेगा। स्कूल खुलने के बाद शिक्षकों की ऑनलाइन परीक्षा कराने की व्यवस्था की जाएगी। हालांकि इस व्यवस्था के बारे में जानकारी तो हुई है, लेकिन शासन से योजना के क्रियान्वयन के बारे में स्पष्ट आदेश आने के बाद ही इसको अमल में लाया जाएगा।

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