मोदीनगर। गिन्नी देवी मोदी कन्या ’स्नातकोत्तर महाविद्यालय  में संस्कृत सप्ताह का आयोजन किया गया। महाविद्यालय प्राचार्या प्रो0 मीनू अग्रवाल ने कहा कि संस्कृत भारत की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुर भारती भी कहा जाता है। इस भाषा में वर्ण ऋषि, मुनियों द्वारा गहरे अध्ययन के बाद दुनिया में प्रचारित हुए।
कार्यक्रम के शुरूआती दौर में बोलते हुए प्राचार्या प्रो0 मीनू अग्रवाल ने कहा कि यह दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है। संस्कृत में सभी हिंदू ग्रंथ लिखे गए हैं। वर्तमान समय में पूजा अर्चना के सभी कार्य संस्कृत में ही संपन्न किए जाते हैं। संस्कृति विश्व की सभी भाषाओं की जननी की पदवी पर आसीन है। संस्कृत भाषा को ही सटीक भाषा माना जाता है, क्योंकि यह सबसे शुद्ध भाषा के रूप में जानी जाती है। महाविद्यालय के संस्कृत विभाग की शिक्षिका उत्कर्षणी ने बताया कि 3000 वर्ष पूर्व तक भारत में संस्कृत भाषा का प्रयोग किया जाता था। इसलिए ईशा से 500 वर्ष पूर्व पाणिणी ने दुनिया का पहला व्याकरण ग्रंथ लिखा था।वह भी संस्कृत में ही था। संस्कृत केवल एक भाषा ही नहीं अपितु संस्कृत एक विचार है, संस्कृत संस्कृति है, संस्कार है, संस्कृत विश्व का कल्याण करने वाली है, शांति एवं सहयोग है जो कि वसुदेव कुटुंबकम की भावना को जाग्रत करती है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में संस्कृत  को हमेशा से महत्व दिया जाता रहा है। इसलिए विभाग समय-समय पर अनेकों गतिविधियां जैसे लधु नाटिका, वाद विवाद प्रतियोगिता, कविता पाठक, लेखन प्रतियोगिता व संस्कृत की कक्षा में आपसी वार्तालाप भी संस्कृत में ही कराते हैं। इस अवसर पर शिक्षिकाएं व छात्राओं का सहयोग महत्वपूर्ण रहा।

Disha Bhoomi
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