मोदीनगर। रविवार को करवाचौथ का उल्लास सुहागिनों में सुबह से ही देखने को मिला। सुबह से ही महिलाओं में सजने संवरने का क्रेज नजर आया। सुहागिनों ने बिछवे और कपड़े सुबह से ही पहन लिए। शाम को भी विशेष रूप से तैयार होकर पति के लिए दीर्घायु की कामना की और पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर निर्जल व्रत पति के हाथ से या भोजन कर खोला।
महिलाओं ने पूरे दिन निर्जल व्रत रखा और पूजा पाठ की तैयारियों में जुट गईं। यही नहीं ब्यूटी पार्लर पर भी सुबह 10 बजे से महिलाओं ने बुकिंग करा रखी थी और भीड़ और इंतजार से बचने को फुर्सत में मेकअप करा कर तैयार होने पहुंचीं। पति पत्नी में प्रेम और अटूट रिश्ता बनाए रखने में करवा चैथ का महत्व अधिक है। व्रत रखने को लेकर उल्लास नव दंपतियों में ज्यादा दिखाई दिया। यह व्रत करवा नाम की एक स्त्री का अपने पति से प्रेम और उसके तपोबल से प्रभावित होकर रखा जाता है। आस्था है कि करवा नाम की स्त्री ने अपने पति के प्राण मगरमच्छ से बचाए थे और यमराज से मगरमच्छ के प्राण लेने के लिए प्रार्थना की थी। यमराज भी करवा के तपोबल के आगे झुके और करवा नाम की स्त्री के पति को दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिया था। मगरमच्छ को मृत्यु लोक पहुंचाया था। बाजार में भी करवा चैथ की पूजा के लिए फल फूल समेत अन्य पूजा पाठ का सामान खरीदा गया। मिट्टी, पीतल व स्टील के कर्मों की खूब बिक्री हुई।