Modinagar । बाबूजी धीरे चलना, राह में जरा संभलना, बड़े धोखे हैं इस राह में। वर्ष 1954 में आई बालीवुड फिल्म आर-पार के इस चर्चित गीत के बोल मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखे थे। तब उन्हें भी क्या पता था कि मोदीनगर की सड़कों के हाल पर ये शब्द इतना मुफीद बैठेंगे। जी हां, पिछले कुछ समय से शहर की सड़कों पर गहरे गड्ढों के रूप में बड़े धोखे हैं। घटिया निर्माण इसका सबब बना तो कहीं जल निकासी न होना व जल निगम की सीवरेज पाइपलाइन योजना सबसे बड़ी मुश्किल के रूप में सामने आई। इस पर शहर भर में हुई बेतरतीब खोदाई ने रही-सही कसर पूरी कर दी। वजह, सीवरेज पाइप लाइन डालने के नाम पर कई जगह बस खानापूरी हुई तो कुछ जगह सालों से सड़क अधूरी पड़ी है। खास बात कि ये सड़कें स्मार्ट होते शहर की हैं।
केस. एकः गोविन्दपुरी की हरमुखपुरी क्षेत्र के नाम पर वैसे तो गड्ढामुक्त सड़कों की तस्वीर का नजारा लगता है। लेकिन हरमुखरी, गाविन्दपुरी क्षेत्र व आसपास की कई सड़कों पर जगह-जगह जल निगम की लापरवाही से गड्ढे हैं। खासकर विजय नगर को जाने वाले रास्ते पर उखड़ी सड़क और करीब एक फूट से अधिक के गड्ढे आए दिन राहगीरों को चोटिल करते है।
केस-दोः गोविन्दपुरी काॅलोनी के अग्रसेन पार्क व उसके सामने सुचेतापुरी को जाने वाली सड़क के किनारे भी जल निगम की लापरवाही उजागर हो रही है। सीवरेज पाइपलाइन डालने के लिए खोदे गई सड़क के कारण प्रतिदिन कोई न कोई चोटिल होता नजर आता है। सीवरेज पाइपलाइन के दौरान खोदे गये मैनहाॅल जल निगम की करतूतों की गवाही दे रहे है, लेकिन इसकी सुध कोई नही ले रहा है।
केस-तीनः चाऊमीन चैक व गोविन्दपुरी की संतपुरा स्थित सड़क मुख्य मार्ग से चंद कदम दूर सड़क बुरी तरह उखड़ी है। गिट्टी पूरी सड़क पर फैली है। गड्ढे से बचने के लिए ब्रेक लगाएं तो गिट्टी पर पहिया घिसटना तय है। यहां भी आए दिन बाइक या स्कूटी फिसलने से बाइक सवार गिरते रहते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर पालिका, जल निगम व स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि शहर की सड़कों का ब्योरा संबंधित विभागों से लेने के साथ खुद भी हाल जानेंगे। शीघ्र ही इन्हें दुरुस्त कराने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। वहीं पालिका को सारा जिम्मा जल न्रिगम के सिर मढ़ रही है ओर पालिकाध्यक्ष व ईओ का कहना है कि सड़कों के दुरूस्त करायें जाने को लेकर कई बार जल निगम को पत्र लिख चुके है। बस पत्र लिखकर पालिका अपना पल्ला झाड़ रही है।