मोदीनगर। राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के तत्वावधान में प्रकृति विज्ञान संस्था द्वारा पांच दिवसीय कार्यशाला बीआरसी विकास खंड भोजपुर में आयोजित की गई  है।
कार्यशाला के तीसरे दिन प्रथम सत्र में दीपक शर्मा ने बताया की 14 से 17 वर्ष के बच्चों में विज्ञान दृष्टिकोण अधिक विकसित होता है, कुछ सीखने की कुछ करने की लगन इसी उम्र के बच्चों में होती है। जेम्स वाट, अल्बर्ट आइंस्टीन, न्यूटन  आदि वैज्ञानिक  ने इसी उम्र में अपने प्रयोग शुरू कर दिए थे। दीपक शर्मा ने जेम्स वाट का भाप का इंजन किस प्रकार कार्य करता है, उसे बोल के माध्यम से समझाया। इसमें तीन छेद किए और पाइप के माध्यम से मुंह के द्वारा ऊष्मा देकर घुमाना सिखाया। इसी तरह भाप का इंजन कार्य करता है। उपस्थित शिक्षकों ने बोल के माध्यम से इसे सीखा और फिर किलो के द्वारा डांट का फूल कैसे बनाते हैं उसको समझाया एंव बैलेंस करना सिखाया।  इसके बाद वर्ग, आयत, वृत्ताकार, अर्धवृत्त आकार व संपूर्ण त्रिभुज के माध्यम से पाइथागोरस प्रमेय को समझाया गया। जिसकी एक नई परिभाषा दी गई। किसी समकोण त्रिभुज के कोणों पर बनी आकृति का क्षेत्रफल शेष दो भुजाओं पर बनी संपूर्ण आकृति के क्षेत्रफल के योग के बराबर होता है इससे पाइथागोरस कहा जाता है। दूसरे सत्र में समुद्र के जल में वस्तु क्यों नहीं डूबती है, खारा पानी होने के कारण नहीं डूबती या क्यों नहीं डूबती इससे तीन गिलास में सादा पानी, नमक का पानी परमिशन पानी में आलू डालकर आलू डूबना  दिखाया गया।  लोहे के चूर्ण तथा चुंबक के द्वारा प्रयोग करके चुंबकीय बल रेखाएं सिखाना समझाया गया। इस अवसर पर इस अवसर पर अर्चना कुशवाह, बृजपाल, रश्मि वर्मा, पायल भटनागर, मनीषा, मानवी, अर्पित शमा व  सचिन कुमार आदि मौजूद रहें।

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