मदद के लिए यदि किसी हेल्पलाइन नंबर से आपके पास फोन आ रहा है, तो समझ लो वह ठग है। हाल में ही सामने आए मामलों में इस बात की पुष्टि हुई है। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, हेल्पलाइन नंबर कभी भी मोबाइल नंबर की डिजिट में नहीं होता। यदि आप हेल्पलाइन नंबर पर फोन करते हैं और थोड़ी देर बाद मोबाइल नंबर से हेल्पलाइन नंबर से बोलने की बात कह फोन आता है तो उस पर कतई भरोसा न करें। भरोसा करते ही आप ठगी का शिकार हो जाएंगे।
साइबर सेल में ऐसे की कई मामले सामने आए। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, ठगों ने ठगी का यह नया पैंतरा अपनाया है। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति ने बैंक के एक मामले में मदद के लिए उसके कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया। किसी कारणवश बात नहीं हो पाई। इसके थोड़ी देर बात एक मोबाइल नंबर से उनके मोबाइल पर फोन आया। कस्टमर केयर पर फोन किए जाने की बात कही। हां कहते ही जानकारी पूछी। जैसे ही युवक ने अपनी जानकारी साझा की, उसके खाते से करीब एक लाख रुपये उड़ गए। ऐसे कई मामले सामने आए। लिहाजा, बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।
फोन की KYC के नाम पर ठगी
केसः1. हाल में ही फोन की KYC के नाम पर ठगी का मामला सामने आया था। ठग ने KYC के लिए थानान्तर्गत जगतपुरी के रहने वाले एक युवक से दस रुपये रिचार्ज की बात कही थी। दस रुपये की बात पर युवक ने भरोसा कर लिया। जैसे ही उसने रिचार्ज किया उसके खाते से करीब 20 हजार रुपये कट गए।
केसः2. बोला गया कि पेंशन का डाटा डिलीट हो गया, जानकारी देते ही उड़ाए लाखों. विजय नगर निवासी एक सेवानिवृत्त एसआई के पास फोन आया। कहा कि ट्रेजरी से बोल रहा हूं। आपका पेंशन का डाटा डिलीट हो गया है। फिर से जानकारी साझा करने की बात कही। जानकारी साझा करते ही उसके खाते से हजारों रूपये उड़ गए। गनीमत रही कि उन्होंने बैंक के हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर एकाउंट को होल्ड करा दिया। जिससे शेष बची रकम सुरक्षित हो सकी।
जागरूक नागरिक परमात्मा शरण वर्मा कहते है कि साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। कई परिचित इसका शिकार भी हुए हैं। लिहाजा, बेहद सतर्क रहता हूं। सेवानिवृत नागरिक विरेन्द्र ध्यानी का कहना है कि साइबर ठगी से बचने का एकमात्र उपाय जागरुकता है। हर व्यक्ति को इसके प्रति जागरूक होना पड़ेगा।