मोदीनगर। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के बैंक खातों में डीबीटी से 1065 रुपए की भेजे जाएंगे। बैंक खातों में न्यूनतम बैलेंस न होने पर बैंक राशि से कटौती कर सकते हैं, जिसका खामियाजा अभिभावकों को भुगतना पड़ेगा।
यूनिफार्म, बैग, जूते आदि की मद की है धनराशि
इन दिनों बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों के शिक्षक डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से भेजे जाने वाली राशि को लेकर उलझे हुए हैं। प्रत्येक छात्र-छात्रा का पर्सनल डाटा पोर्टल पर फीड किया जा रहा है और अगले कुछ दिनों में यूनिफार्म, बैग, जूते, मोजे स्वेटर आदि के मद के 1065 रुपए बैंक खातों में भेजे जाएंगे। दरअसल इन वस्तुओं की खरीद में होने वाली घपलेबाजी और भ्रष्टाचार के कारण सरकार द्वारा इस बार यह निर्णय लिया गया है, कि इन सभी वस्तुओं की राशि अभिभावकों को सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाए ताकि अभिभावक अपनी मनपसंद वस्तुएं बाजार से स्वयं खरीद कर बच्चों को दे सकें।
शिक्षक बताते हैं कि पिछले दिनों मिड-डे मील की कन्वर्जन कॉस्ट की राशि भी अभिभावकों के खातों में भेजी गई थी, लेकिन न्यूनतम बैलेंस बैंक खाते में ना होने पर बैंकों द्वारा एक निश्चित राशि उसमें से पेनल्टी स्वरूप काट ली गई अब डीबीटी के माध्यम से 1065 रुपए अगले कुछ दिनों में बैंक खातों में भेजे जाएंगे। आशंका है कि जिन खातों में न्यूनतम बैलेंस नहीं होगा उनमें भी बैंक पेनल्टी के रूप में एक राशि काट सकते हैं, जिसका नुकसान अभिभावकों को होगा। रानी लक्ष्मीबाई महिला फाॅउंडेशन की अध्यक्षा कुसुम सोनी ने इस संबन्ध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर बैंकों द्वारा पेनल्टी की राशि न काटे जाने की मांग की है, जिससे अभिभावकों को सरकार द्वारा भेजी गई पूरी राशि मिल सके।

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