New Delhi – चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। इससे पहले वांग राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मिले। सूत्रों के मुताबिक, अजीत डोभाल ​​​​​​ से मुलाकात में वांग यी ने बॉर्डर विवाद और यूक्रेन युद्ध के भू-राजनैतिक पहलुओं के बारे में बात की।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि सीमा तनाव का द्विपक्षिय संबंधों पर असर दिखाई दे रहा है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने स्थिति सामान्य बनाने की चीन की इच्छा के बारे में बात की। उन्होंने कहा- भारत स्थिर संबंध चाहता है, लेकिन सामान्य स्थिति के लिए सीमा पर शांति की बनाने की आवश्यकता होगी।
भारत ने वांग के कश्मीर पर दिए बयान पर जताई थी आपत्ति
वांग 3 दिन के पाकिस्तानी दौरे और अफगानिस्तान के संक्षिप्त दौरे के बाद गुरुवार को दिल्ली पहुंचे। मई 2020 में दोनों देशों के बीच गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद चीन के किसी सीनियर नेता का यह पहला दौरा है। इस मुलाकात के बाद वे नेपाल दौरे पर जाने वाले हैं।
वांग यी का यह दौरा इस्लामाबाद में इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की बैठक में कश्मीर पर उनके बयान को खारिज करने के एक दिन बाद हो रहा है। जम्मू-कश्मीर को लेकर दिए गए वांग के बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। भारत ने यह भी कहा था कि चीन सहित अन्य देशों को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।
मंगलवार को OIC की बैठक को संबोधित करते हुए वांग ने कहा था कि कश्मीर समेत दूसरे विवादों के समाधान के लिए चीन इस्लामी देशों के प्रयासों का समर्थन जारी रखेगा। हमने कश्मीर के मुद्दे पर अपने इस्लामिक दोस्तों की पुकार को फिर से सुना। चीन भी वैसी ही इच्छा रखता है।
ब्रिक्स मीटिंग के लिए PM मोदी को आमंत्रित करेंगे
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, वांग यी के दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच फिजिकल एनगेजमेंट को फिर से शुरू करना और इस साल के अंत में बीजिंग में आयोजित होने वाली ब्रिक्स मीटिंग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करना है।
LAC पर गतिरोध दूर करने के लिए हो रही वार्ता
गलवान घाटी संघर्ष के बाद, दोनों देश विवाद को हल करने के लिए कई दौर की सीमा वार्ता आयोजित कर चुके है। दोनों देशों के बीच 11 मार्च को,​​​​​ चुशुल-मोल्दो बॉर्डर पॉइंट पर 15वीं कोर कमांडर लेवल की बातचीत हुई थी। इसमें दोनों पश्चिमी इलाके में LAC पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए थे।
पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास के इलाकों से सेनाएं पीछे हट चुकी हैं। भारत और चीन ने बाकी विवादित इलाकों में डिसइंगेजमेंट के लिए मिलिट्री और डिप्लोमैटिक लेवल की बातचीत जारी रखी है।

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