मेरठ के शास्त्रीनगर में नई सड़क से सटे शिव मंदिर को तोड़े जाने पर कई घंटे बवाल चला। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल कार्यकर्ताओं, व्यापारी और स्थानीय लोगों ने नई सड़क पर धरना देकर जाम लगाया। इस दौरान पुलिस के साथ धक्का-मुक्की और नोकझोंक भी हुई। शाम को भीड़ ने मंदिर परिसर का ताला तोड़ कर भगवान की मूर्तियां रखकर आरती की। स्थानीय व्यापारियों ने इंस्पेक्टर नौचंदी पर दूसरे पक्ष से पैसे लेकर मंदिर तुड़वाने का आरोप लगाया।

पार्षद पति वीरेंद्र शर्मा ने 24 जनवरी को डीएम व कमिश्नर को शिकायती पत्र दिया। उसमें बताया कि लॉकडाउन के दौरान योगेश ने मंदिर से मूर्तियां हटाकर बुर्ज को तुड़वा दिया। मंदिर की बाउंड्री ऊंची करके गेट लगा दिया। विरोध करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी। 11 अक्टूबर 2020 को नौचंदी थाने में योगेश के खिलाफ उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया था।

शनिवार रात में तोड़ा गया मंदिर

व्यापारियों ने कहा कि शनिवार रात को पास के एक होटल में तेज आवाज में डीजे बज रहा था। उसी का फायदा उठाकर पुलिस की मिलीभगत से मंदिर का अधिकांश भाग तोड़ा गया। कुछ दिन पूर्व भी मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद भी योगेश को गिरफ्तार नहीं किया गया तो व्यापारियों और भाजपा नेताओं को सड़क पर उतरना पड़ा।

पूर्व पार्षद का आरोप है कि रविवार सुबह कुछ लोगों ने छत से देखा तो मंदिर का अधिकांश भाग टूटा दिखा। इसके बाद भाजपा नेता करुणेश नंदन गर्ग, विनीत अग्रवाल शारदा, आलोक सिसौदिया, पार्षद सुनीता, नरेंद्र राष्ट्रवादी, व्यापारी नेता जितेंद्र अग्रवाल, सतीश गर्ग, नीरज त्यागी, निवेश वशिष्ठ, विहिप से गोपाल शर्मा, महेश शर्मा, राजेश, आशीष नामदेव आदि ने हंगामा किया। सीओ सिविल लाइन देवेश सिंह और इंस्पेक्टर नौचंदी संजय वर्मा को खरी-खोटी सुनाई। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने इंस्पेक्टर नौचंदी को बर्खास्त करने की मांग की। उन्होनें इंस्पेक्टर नौचंदी पर योगेश सैनी से 15 लाख रुपये लेने का आरोप लगाया।

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