मेरठ। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने में जुटे प्रशासन ने 100 से कम बेडों वाले अस्पतालों के लिए नया विकल्प दिया है। कई अस्पताल बड़े आक्सीजन गैस प्लांट नहीं लगवा रहे हैं, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें सिर्फ तीन लाख रुपये की लागत वाले क्रायोजेनिक प्लांट लगाने को कहा है।
कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी से मेरठ में बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हुई। 26 निजी कोविड अस्पतालों में महज 13 ही आक्सीजन प्लांट के लिए तैयार हुए हैं। अन्य अस्पताल प्रबंधकों ने प्रशासन से बताया है कि प्लांट के लिए करीब 90 लाख रुपये खर्च करने होंगे, जिसका बजट नहीं है। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि कई कोविड अस्पतालों में 30 से 50 बेड तक हैं, जहां संक्रमण की स्थिति में आक्सीजन की आपूर्ति का भयावह संकट खड़ा हो सकता है।
24 केंद्रों पर 7400 लोगों को टीका
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शुक्रवार को जिले में 74 सौ लोगों को टीका लगाया जाएगा। इसके लिए जिले भर में कुल 24 केंद्र पर टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. प्रवीण कुमार गौतम ने बताया कि शुक्रवार को चलने वाले टीकाकरण कार्यक्रम में 19 स्थानों पर कोविशील्ड की 5900 डोज लगाने का लक्ष्य रखा गया है। शहीद मंगल पांडेय डिग्री कालेज, जिला महिला अस्पताल (डफरिन), मेडिकल कालेज, ड्राइ¨वग स्कूल आइटीआइ व सीएचसी दौराला पर कोवैक्सीन की 15 सौ डोज के साथ टीकाकरण होगा।