शासन ने सोमवार को कोविड-19 को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी। पिछली गाइडलाइन के मुकाबले इस गाइडलाइन में कोई खास बदलाव नहीं किया गया है। शादी, ब्याह जैसे कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए जो सीमा तय की गई थी, उसे फिलहाल बरकरार रखा गया है। यानी हाल में क्षमता का 50 फीसद और अधिकतम 100 लोगों को ही शामिल किया जाएगा।

मेरठ में विवाह मंडपों में पुलिस द्वारा की गई उत्पीड़न की घटनाओं से नाराज मुख्यमंत्री योगी ने यह फैसला लिया। मंगलवार और बुधवार को मेरठ पुलिस ने अभियान चलाकर शादी के मंडपों में पहुंचकर रंग में भंग किया था। दूल्हे समेत कई लोगों के खिलाफ मेरठ के लालकुर्ती थाने और सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज की थी। इसके अलावा पुलिस ने शादी के मंडपों में छापा मारकर कोरोना की गाइडलाइन का पालन न करने पर बराती और घराती समेत मंडप के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसे लेकर मेरठ ही नहीं, आसपास के जिलों में भी लोगों में काफी रोष था और इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शादी समारोह केवल सूचना देकर और कोविड प्रोटोकॉल और गाइडलाइन के निर्देशों का पालन करते हुए किया जा सकता है। इसके लिए जो संख्या निर्धारित की गई है, उसमें बैंड-बाजा या अन्य कर्मचारी शामिल नहीं माने जाएंगे। शादियों में बैंड बजाने और डीजे बजाने से रोकने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।

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