Disha Bhoomi

Mumbai – सोमवार को महाराष्ट्र विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रवीण दारेकर से MRA मार्ग पुलिस स्टेशन में 3 घंटे तक पूछताछ हुई है। केंद्रीय सहकारी बैंक धोखाधड़ी मामले में उनके खिलाफ मुंबई पुलिस ने केस दर्ज किया है। दारेकर को 31 मार्च को पूछताछ के लिए समन किया गया था।
तकरीबन तीन घंटे की पूछताछ के बाद पुलिस स्टेशन से बाहर निकले प्रवीण दारेकर ने कहा,’जो भी घोटाला या गुनाह हुआ है, उसको लेकर मुझ से तकरीबन 3 घंटे तक पूछताछ की गई है। उन्होंने मुझ से जो भी सवाल पूछे मैंने उसका जवाब दिया। उन्होंने मुझ से पूछा की पद पर रहते हुए मैंने क्या बैंक से अनुचित लाभ लिया था। मैं पहले से इन आरोपों का खंडन करता आ रहा हूं।
आगे दारेकर ने कहा कि मुंबई पुलिस पर सरकार का बहुत दबाव है, मैं उनकी स्थिति समझ सकता हूं। वे जब भी मुझे और जहां भी बुलाएंगे मैं जाऊंगा। दारेकर के समर्थन में भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता पुलिस स्टेशन के सामने मौजूद थे और उनके बाहर निकलने तक लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के प्रदेश महासचिव धनंजय शिंदे की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने 14 मार्च को दारेकर के खिलाफ एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया था। अपने आरोप में शिंदे ने कहा था कि भाजपा नेता दारेकर ने श्रमिक वर्ग में निदेशक के रूप में पद पर रहते हुए बैंक का चुनाव लड़ने के लिए मजदूर बनकर सरकार और एमडीसीसीसीबी को धोखा दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रवीण दारेकर ने एमडीसीसीबी निदेशक और अध्यक्ष के रूप में दो कार्यकालों की सेवा की, जिसके बाद महाराष्ट्र सहकारिता विभाग द्वारा जांच का आदेश दिया गया और उन्हें जनवरी 2022 में अयोग्य घोषित कर दिया गया।
शिंदे ने आगे कहा कि प्रवीण दारेकर के कार्यकाल के दौरान एमडीसीसीबी के कथित तौर पर 2000 करोड़ रुपये के धन का की हेराफेरी हुई और यही कारण है कि पिरवीण दारेकर को नेता प्रतिपक्ष के पद पर रहने का कोई नैतिक आधार नहीं है और उन्हें नेता विपक्ष के नेता के पद से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
जानकारी के मुताबिक आम आदमी पार्टी के प्रदेश महासचिव धनंजय शिंदे के अलावा, शिवसेना के नेता किशोर तिवारी ने भी सितंबर 2021 में घाटकोपर पुलिस स्टेशन में विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दारेकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिन्होंने किशोर तिवारी ने आरोप लगाया था कि दारेकर ने अपने चुनावी हलफनामे में पेशेवर कार्य को गलत तरीके से वर्णित किया था।
प्रवीण दारेकर ने इस मामले में आप के धनंजय शिंदे और शिव सेना के किशोर तिवारी द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का कड़ाई से खंडन किया है। जिसके बाद आप और शिवसेना नेताओं ने केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह से इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के रुख को स्पष्ट करने का आग्रह किया है।

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