Modinagar | करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को है। व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है और इसका बहुत महत्व होता है। लेकिन, इस बार अक्टूबर में मौसम बेइमान बना हुआ है। बेमौसम झमाझम बारिश हो रही है। करीब पांच दिन से बदली छाई हुई है।
करवा चौथ पर मौसम बना बेइमान
ऐसे में यदि गुरुवार को करवा चौथ पर्व के दिन भी मौसम बेइमान रहता है तो आशंका जताई जा रही है कि चंद्रमा बादलों के पीछे छुपा रहेगा। ऐसे में महिलाएं चांद कैसे देखेंगी, कैसे व्रत खोलेंगी, क्या है नियम, जैसे सवालों के जवाब दे रहंे हैं। मोदीनगर की हरमुखपुरी कॉलोनी स्थित श्री गणेश मंदिर के महन्त पं0 उदय चन्द्र शास्त्री ।
करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा महत्वपूर्ण
पं0 उदय चन्द्र शास्त्री का कहना है कि करवा चौथ की पूजा के बाद सभी महिलाओं को चंद्रमा देखने का इंतजार रहता है। यदि आसमान में बादलों की ओट से चन्द्रमा नजर न आए तो व्रत रखने वाली महिलाओं के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है। लेकिन, धर्म शास्त्र में इसका निवारण बताया गया है।
चंद्रमा न दिखने पर ऐसे करें पूजा
धर्मशास्त्र के अनुसार ऐसी स्थिति में चन्द्रोदय के समय के अनुसार चन्द्रमा को अर्घय देना चाहिए और मन में चन्द्रमा का स्मरण करने से वही फल प्राप्त होता है जो चन्द्रमा दिखने पर मिलता है। इस व्रत का पारण चन्द्रमा को अर्घय देने के बाद ही होता है।
चंद्रमा न दिखने पर ऐसे खोलें व्रत
यदि चंद्रमा बादलों में छिप गया है, तब भी महिलाएं शुभ मुहूर्त में पूजन कर सकती हैं। यदि चन्द्रमा न दिखाई दे, तो भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा के दर्शन करें। फिर चंद्रमा की पूजा करने का विधान है। चंद्रोदय का सही समय जानकर चन्द्रमा किस तरफ निकलता है, उस दिशा में मुंह करके पूजा कर व्रत का पारण करें। उदय चन्द्र ने बताया कि चंद्रमा की आकृति के दर्शन करके भी व्रत का पारण कर सकते हैं, इसके लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। अब उस पर चावल से चन्द्रमा का चित्र बनाएं, उसे देखें। ओम चतुर्थ चंद्राय नमः मंत्र का जाप कर चंद्रमा का आह्वान करें और पूजा करने के बाद व्रत का पारण कर लें।